Panna News: ऐतिहासिक बावड़ी का जीर्णोद्धार, पन्ना की जल-धरोहर को नया जीवन

ऐतिहासिक बावड़ी का जीर्णोद्धार, पन्ना की जल-धरोहर को नया जीवन
शहर के वार्ड क्रमांक 12 सिंचाई कॉलोनी में स्थित राजसी जमाने में बनी प्राचीन बावड़ी को आखिरकार नया जीवन मिलना शुरू हो गया है। यह बावड़ी न सिर्फ एक जल स्त्रोत है बल्कि शहर के इतिहास का एक अमूल्य हिस्सा भी है जिसने भीषण गर्मी में भी अपनी जलधारा को कभी सूखने नहीं दिया।

Panna News: शहर के वार्ड क्रमांक 12 सिंचाई कॉलोनी में स्थित राजसी जमाने में बनी प्राचीन बावड़ी को आखिरकार नया जीवन मिलना शुरू हो गया है। यह बावड़ी न सिर्फ एक जल स्त्रोत है बल्कि शहर के इतिहास का एक अमूल्य हिस्सा भी है जिसने भीषण गर्मी में भी अपनी जलधारा को कभी सूखने नहीं दिया।

गंगाजल संवर्धन अभियान से शुरुआत

इस पुनरुद्धार की कहानी की शुरुआत गंगाजल संवर्धन अभियान के दौरान हुई। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में नगर पालिका परिषद पन्ना ने इस प्राचीन बावड़ी के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया। बावड़ी का पानी खाली करके उसकी सघन साफ.-सफाई का कार्य कराया गया जिसने वर्षों से जमा गाद और कचरे को हटाया। बावड़ी की एक प्राचीन दीवार पूरी तरह से गिर चुकी थी जिससे बावड़ी की स्थिति जर्जर हो गई थी। स्थानीय लोगों ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। मौके पर उपस्थित नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीना पाण्डेय, कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमराव सिंह मरावी और मुख्य नगर पालिका अधिकारी के समक्ष तुरंत नवीन दीवार निर्माण की आवश्यकता जताई गई। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए इसे प्राथमिकता दी।

निर्माण कार्य शुरू, धरोहर की सुरक्षा सुनिश्चित

नगर पालिका ने तत्काल उक्त कार्य का टेंडर निकाला और अब ठेकेदार मनोज त्रिपाठी द्वारा दीवार निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। प्रथम चरण में दीवार गिरने से बावड़ी में जमा हुए मलवे को पूरी तरह से बाहर निकाल दिया गया है जिससे बावड़ी के मूल स्वरूप को बहाल करने का रास्ता साफ हुआ है। लगभग ०6 लाख की लागत से नवीन और मजबूत दीवार का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। यह जीर्णोद्धार कार्य न केवल बावड़ी को उसकी पुरानी भव्यता लौटाएगा बल्कि इसे पूरी तरह से सुरक्षित भी कर देगा।

पानी से लबालब एक सुरक्षित बावड़ी

इस पहल से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। यह प्राचीन बावड़ी जो अपनी अद्भुत जल संचयन क्षमता के कारण भीषण गर्मी में भी पानी से लबालब रहती है अब आने वाली पीढियों के लिए एक सुरक्षित और सतत जल स्त्रोत बनी रहेगी।

Created On :   1 Dec 2025 1:37 PM IST

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