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Seoni News: सिवनी नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान पर गिराई गाज, भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटाए गए

- नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर सचिव ने जारी किया आदेश
- शफीक खान द्वारा अधिनियम में वर्णित कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन नहीं किया गया है
- नगर पालिका परिषद में किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद कराई गई जांच में भारी अनियमितता उजागर हुई थी।
Seoni News: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे नगर पालिका परिषद सिवनी के अध्यक्ष शफीक खान को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है। मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर सचिव शिवराज सिंह वर्मा ने इस संबंध में 14 बिंदुओं वाला 40 पन्नों का विस्तृत आदेश जारी किया है। नगर पालिका परिषद में किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद कराई गई जांच में भारी अनियमितता उजागर हुई थी।
इसमें नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान की संलिप्तता तो सामने आई ही थी, वहीं कई अधिकारी-कर्मचारी भी निशाने पर आ गए थे। भोपाल से भेजी गई जांच समिति की जांच के बाद नगर पालिका अध्यक्ष को मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41-क व अन्य धाराओं के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया था, वहीं अधिकारियों-कर्मचारियों की विभागीय जांच प्रारंभ की गई थी।
मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव आरके कार्तिकेय नगर पालिका अध्यक्ष को अंतिम अवसर प्रदान करते हुए पिछले साल 12 दिसंबर को व्यक्तिगत उपस्थिति का नोटिस जारी किया था, लेकिन अतिरिक्त समय मांगते हुए वे 2 जनवरी को उप सचिव के समक्ष हाजिर हुए थे। व्यक्तिगत रुप से हाजिर होने के बाद से ही माना जा रहा था कि मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग अब कभी भी नगर पालिका अध्यक्ष को अयोग्य घोषित कर पद से हटाने की कार्रवाई कर सकता है।
आर्थिक हानि की होगी वसूली
मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर सचिव शिवराज सिंह वर्मा ने जारी आदेश में उल्लेख किया है कि नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान को मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 4-क द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए तत्काल प्रभाव से अध्यक्ष पद से पृथक किया जाता है। निकाय को हुई आर्थिक हानि की वसूली के लिए शफीक खान निकाय में उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ समान रूप से उत्तरदायी होंगे।
शफीक खान द्वारा अधिनियम में वर्णित कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन नहीं किया गया है, जिससे नगर पालिका परिषद में गंभीर अनियमितताएं कारित हुई हैं। उक्त गंभीर अनियमितता के लिए निकाय के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ शफीक खान भी पूर्ण रूप से उत्तरदायी पाए गए हैं। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि शासन की राय में शफीक खान का नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर बने रहना लोकहित एवं परिषद हित में वांछनीय नहीं है। वे अपने कर्तव्यों का विधि अनुसार पालन करने में सक्षम नहीं हैं।
इनकी हो रही विभागीय जांच
नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार के मामले में नगर पालिका की पूर्व सीएमओ पूजा बुनकर सहित उपयंत्री वंदना मरकाम, उपयंत्री बिन्देश्वरी पन्द्रे, उपयंत्री विकास मेहरा, तत्कालीन उपयंत्री दीपक उइके व कर्मचारियों में कृष्ण कुमार तिवारी, विशाल मेश्राम, मुकेश चौहान, संतोष करोसिया, सतीश कुमार कुल्हाड़े, बसंत चौहान आदि भी घिरे हुए हैं। इनमें नगर पालिका के दो कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो कि सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच प्रस्तावित कर जवाब तलब किया गया था। सूत्रों के अनुसार मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी निलंबन की गाज गिरा सकता है।
मनमानी दर पर की गई खरीदी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराई गई थी। भोपाल से आई चार सदस्यीय जांच समिति ने जांच करते हुए नगर पालिका में निविदा प्रक्रिया, खरीदी, डीजल खपत में गोलमाल सहित अन्य अनियमितता पाई थी। समिति द्वारा सौंपे गए जांच प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया था कि नपा अध्यक्ष की मंजूरी से 8 जून 23 से 8 मार्च 24 के बीच मात्र 9 माह की अवधि में रिकार्ड 19 हजार 222 किलो फिनोलिक पाउडर खरीदा गया, जिसकी आवश्यकता का कोई औचित्य अभिलेखों में नहीं पाया गया।
खण्ड-खण्ड में अधिक दर पर खरीदी कर नगर पालिका को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया। 08 जून 2023 को 5000 किलो फिनोलिक पाउडर 49 रुपए प्रति किलो की दर पर खरीदा गया। 14 जुलाई 23 को 2892 किलो पाउडर 34.51 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा गया। इसी तरह 14 अगस्त 23 को 5 हजार किलो 49.19 रुपए प्रति किलो, 4 अक्टूबर 23 को 2840 किलो 40 रुपए प्रति किलो, 29 जनवरी 24 को 14 सौ किलो 64 सौ रुपए प्रति किलो तथा 8 मार्च 24 को 2450 किलो 33.90 रुपए प्रति किलो की दर पर फिनोलिक पाउडर की खरीदी की गई।
हाईमास्ट व एलईडी की खरीदी में भी भारी अनियमितता किया जाना पाया गया। 2 नग 9 मीटर हाईमास्ट लाइट की दोगुने से भी अधिक दर पर खरीदी की गई। दो नग 9 मीटर हाईमास्ट लाइट एलईडी सहित की खरीदी की कुल लागत नस्ती में 5 लाख 96 हजार अंकित पाई गई, जबकि तत्समय नपा अध्यक्ष को 5 लाख तक की ही वित्तीय शक्तियां प्राप्त थीं।
नपा अध्यक्ष व नपा के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा नगर पालिका के सामने, प्राइवेट बस स्टैण्ड, कचहरी चौक तथा ट्रेंचिंग ग्राउण्ड के लिए 4 नग 12 मीटर हाईमास्ट (12 नग 400 वॉट एलईडी सहित) की 4 लाख 65 हजार रुपए प्रति नग की दर पर की गई खरीदी में भी अनियमितता किया जाना पाया गया। जांच में यह खरीदी प्रति नग 65 हजार रुपए अधिक पाई गई है।
Created On :   3 May 2025 1:28 PM IST