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Seoni News: मण्डे पॉजिटिव- उद्यानिकी विभाग की प्रेरणा से पारंपरिक खेती छोड़ कर रहे फूलों का उत्पादन

- गेंदे के फूलों की खेती से घनश्याम के जीवन में आई बहार
- अन्य किसान भी कर रहे व्यावसायिक खेती
- उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ भी किसानों को दिलाया जा रहा है।
Seoni News: जिले में उद्यानिकी फसलों का रकबा लगातार बढ़ता जा रहा है। उद्यानिकी विभाग की प्रेरणा से किसान गेहूं, धान, दलहन की पारंपरिक खेती छोडक़र उद्यानिकी फसलें मसाला, फूल, फल, सब्जियों आदि की व्यवसायिक खेती कर रहे हैं। उद्यानिकी फसलें व आधुनिक तकनीक अपनाने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ भी किसानों को दिलाया जा रहा है।
ड्रिप, मल्चिंग एवं उन्नत तकनीकों का उपयोग करने से किसानों की आय में तो इजाफा हुआ ही है, जीवन में भी बदलाव आ रहा है। कभी गेहंू, चना, धान, मक्का लगाने वाले लखनादौन विकासखण्ड के ग्राम गुंगवारा निवासी किसान घनश्याम सिंह ठाकुर उद्यानिकी विभाग से प्रेरित होकर अब गेंदे के फूल की व्यावसायिक खेती कर रहे हैं। गेंदे के फूलों की खेती से घनश्याम के जीवन में बहार आ गई है। पहले के मुकाबले उनकी आय में भारी इजाफा हो गया है।
150 क्विंटल गेंदे का उत्पादन
उद्यानिकी विभाग में पदस्थ उद्यान विस्तार अधिकारी डेविस वाकड़े के अनुसार गुंगवारा निवासी किसान घनश्याम गेंदा फूल की अश्वगंधा व सनशाइन किस्म का उत्पादन कर रहे हैं। एक हेक्टेयर रकबे में गेंदा की फसल लगा रहे घनश्याम लगभग 150 क्विंटल फूल का उत्पादन कर रहे हैं। उन्हें एक हेक्टेयर में गेंदा लगाने में बीज सहित पूरी लागत 75 हजार रुपए आ रही है, जबकि आय साढ़े 4 लाख रुपए हो रही है। गेंदे से उन्हें 3 लाख 75 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा हो रहा है। अपने उत्पादित लगभग 150 क्विंटल गेंदे के फूल घनश्याम जबलपुर में बेच रहे हैं। उन्हें प्रति किलो 30 से 50 रुपए तक के दाम मिल रहे हैं।
खुद भी लेने लगे ऑर्डर
घनश्याम के साथ ही गुंगवारा में 10-12 अन्य किसानों द्वारा भी गेंदे के फूल की व्यवसायिक खेती की जाने लगी है। उद्यान विस्तार अधिकारी डेविस वाकड़े ने बताया कि उद्यानिकी फसलों के लिए जिले के किसानों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। गणेशगंज में भी 4-5 किसान गेंदे की खेती कर रहे हैं। छपारा के ग्राम पहाड़ी में गेंदे की खेती हो रही है। किसान घनश्याम तो अब खुद भी ऑर्डर लेने लगे हैं। ऑर्डर पर फूलमाला तैयार कर देने के साथ ही गाड़ी सजाने का काम भी करने लगे हैं।
इनका कहना है
विभाग के प्रयासों से जिले के किसान उद्यानिकी फसलें लगाने लगे हैं। उन्हें लगातार प्रेरित किया जा रहा है। उन्हें योजनाओं का भी लाभ दिलाया जा रहा है। उद्यानिकी फसलों की व्यावसायिक खेती से किसानों की आय में भी बढ़ोत्तरी हो रही है।
- डॉ. आशा उपवंशी वासेवार, सहायक संचालक, उद्यानिकी, सिवनी
Created On :   9 Jun 2025 1:46 PM IST