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Shahdol News: अंग्रेजों के समय कोलकाता के म्यूजियम में रखी गई शहडोल की 64 योगिनी मूर्तियां

Shahdol News: यूनेस्को की अस्थाई सूची में 11 फरवरी 2025 को शामिल देशभर की 13 योगिनी मंदिर व मूर्तियों में शहडोल की चौसठ योगिनी मूर्तियों का मुख्य स्थान शहडोल से 20 किलोमीटर दूर अंतरा रहा है। अंतरा में अभी भी 12 से ज्यादा मूर्तियां हैं पर इन्हें संरक्षित करने के साथ ही अंचल में लोगों को गौरवशाली इतिहास बताने के प्रयास नहीं हो रहे हैं।
इसका नुकसान यह हो रहा है कि क्षेत्र के युवाओं को शहडोल की विरासत की जानकारी ही नहीं मिल पा रही है। जबकि इस इस अंचल का समृद्ध इतिहास ऐसा रहा है कि शहडोल की 64 योगिनी मूर्तियों को आजादी यानी 1947 से पहले अंग्रेजों के शासनकाल में कोलकाता स्थित नेशनल म्यूजियम में ले जाकर रखा गया है।
राज्य पुरातत्तव विभाग शहडोल से 2014 में सीनियर गाइड पद से सेवानिवृत्त हुए रामनाथ परमार बताते हैं कि शहडोल में पाई जाने वाले 64 योगिनी मूर्तियों को छत्रसाल म्यूजियम नौगांव छतरपुर स्थित म्यूजियम में भी ले जाकर रखा गया है। उन्होंने बताया कि यूनेस्को की सूची में यहां की 64 योगिनी मूर्तियों को शामिल करवाने के लिए भोपाल के प्रकाशन के अधिकारी डॉ. ओपी मिश्रा के समय में प्रस्ताव तैयार किया गया था।
शहडोल के अंतरा में 64 योगिनी मंदिर रहा होगा, जैसा भेड़ाघाट व गुना में है। अंतरा में मंदिर के स्थान और पत्थरों को संरक्षित करने ध्यान नहीं दिया गया, जिससे धीरे-धीरे वे जीर्ण शीर्ण हो गए और पत्थरों को लोग अपने घर तक ले गए। 64 योगिनी की मूर्तियां खोलाड़ और सिंहपुर में एक-एक हैं।
विश्व धरोहर घोषित करवाने प्रयास जरूरी
जानकार बताते हैं कि शहडोल में पाई जाने वाली 64 योगिनी मूर्तियों के साथ ही यहां मूर्तियों को लेकर इतिहास का अध्ययन और इसे विश्व धरोहर घोषित करवाने के लिए यूनेस्को की स्थाई सूची में शामिल करवाने प्रयास करना चाहिए। जिस तरह से मध्यप्रदेश में खजुराहो व सांची विश्व धरोहर हैं। वर्तमान में राज्य पुरातत्व विभाग जबलपुर पूर्वी क्षेत्र के उपसंचालक केएल डाबी के अधीन शहडोल का प्रभार है। इस पूरे मामले में बेपरवाही का आलम यह है कि यूनेस्को की सूची में शमिल होने के 10 माह बाद भी संरक्षण को प्रयास नहीं हुए।
पता करवाते हैं
शहडोल में 64 योगिनी मूर्तियों की पहचान के साथ ही मंदिर किस स्थान पर था इसका पता करवाएंगे। संबंधित विभाग को निर्देशित किया जाएगा कि उनकी टीम यहां आकर रहे और मूर्तियों को संरक्षित करने के साथ ही मंदिर को मूर्त रुप देने का काम प्रारंभ किया जाएगा।
डॉ. केदार सिंह कलेक्टर शहडोल
Created On :   16 Dec 2025 2:19 PM IST












