जानें मुहूर्त और पूजा विधि, इन मंत्रों का करें उच्चारण

Makar Sankranti 2022: Know muhurt, importance and puja mantra
जानें मुहूर्त और पूजा विधि, इन मंत्रों का करें उच्चारण
मकर संक्रांति 2022 जानें मुहूर्त और पूजा विधि, इन मंत्रों का करें उच्चारण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है मकर संक्रांति, जो कि हर वर्ष पौष माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। हालांकि इस वर्ष इस त्यौहार की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कुछ लोग 14 तो कुछ लोग 15 जनवरी को संक्रांति मना रहे हैं। हालांकि ज्योतिषाचार्य की मानें तो, इस साल 14 जनवरी और 15 जनवरी दोनों ही दिन पुण्यकाल और स्नान, दान का मुहूर्त बन रहा है। हालांकि इनमें से 14 जनवरी की मान्यता अधिक है। 

आपको बता दें कि, सूर्य के उत्तरायण होने अथवा मकर राशि में प्रवेश करने पर ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिर्विद के अनुसार, इस वर्ष संक्रांति देवी बाघ के वाहन पर आई हैं। मकर संक्रांति पर इस बार शत्रुओं का हनन होगा और बाधाएं नष्ट होंगी। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

जनवरी 2022: संक्रांति सहित इस माह में आएंगे ये महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

शुभ है शुक्रवार 
इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दिन शुक्रवार का दिन है, ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शुक्रवार का दिन होने की वजह से मां लक्ष्मी की कृपा भी रहेगी। शुभ मुहूर्त की बात करें तो शुक्रवार, 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।

कोरोना काल में क्या करें?
भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायण के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए। इस दिन 
तिल को पानी में मिलाकार स्नान करना चाहिए। यदि संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए। इस द‍िन तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व अधिक है। स्नान के बाद भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मकर संक्रांति पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण जरूर देना चाहिए।

साप्ताहिक राशिफल:  10 जनवरी से 16 जनवरी 2022 तक

हालांकि इस बार कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में यदि नदी जाना संभव न हो तो आप घर पर रहकर की पुण्यलाभ ले सकते हैं। इसके लिए पानी में गंगाजल, तिल और थोड़ा सा गुड़ मिलाकर स्नान कर लें।

इन मंत्रों का करें उच्चारण
. ऊं सूर्याय नम: ऊं आदित्याय नम: ऊं सप्तार्चिषे नम:
. ऋड्मण्डलाय नम: , ऊं सवित्रे नम: , ऊं वरुणाय नम: , ऊं सप्तसप्त्ये नम: , ऊं मार्तण्डाय नम: , ऊं विष्णवे नम: 
. इसके अलावा गायत्री मंत्र का उच्चारण भी किया जा सकता है।

Created On :   13 Jan 2022 11:26 AM GMT

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