भोपाल के पास स्थित है चमत्कारी मंदिर, जहां नवरात्रि में माता के दर्शन करने के लिए लगती है भारी भीड़

The miraculous temple is located near Bhopal, where huge crowds gather to see the mother during Navratri.
भोपाल के पास स्थित है चमत्कारी मंदिर, जहां नवरात्रि में माता के दर्शन करने के लिए लगती है भारी भीड़
भोपाल भोपाल के पास स्थित है चमत्कारी मंदिर, जहां नवरात्रि में माता के दर्शन करने के लिए लगती है भारी भीड़

डिजिटल डेस्क,भोपाल।  वैसे तो देशभर में कई मंदिर मौजूद है लेकिन उनमें से कई मंदिर ऐसे भी है जो जिले या राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देशभर में प्रसिद्ध है। आज हम आपको मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित कंकाली माता के मंदिर के बारे में बताने वाले  है। जहां पर पूरे साल भर माता के भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्रि में इस मंदिर में भारी मात्रा में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। यह मंदिर भोपाल से यह लगभग 25 से 30 किमी. की दूरी पर हैं। प्रत्येक सुबह 4 बजे से मां कंकाली का श्रृगार किया जाता है। और 6 बजे से भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया जाता है। 


नवरात्र में होता है चमत्कार 

 यह मंदिर चमत्कारिक है। वैसे तो आमतौर पर माता कंकाली की मूर्ति की गर्दन तिरछी होती है लेकिन कहा जाता है कि नवरात्र के दौरान मूर्ति अचानक सीधी हो जाती है। माता के इसी चमत्कार को देखने के लिए भाड़ी संख्या में श्रद्धलुओ की भीड़ लगती है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त नवरात्रि के दौरान मां की गर्दन को सीधा देखता है, उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। 


मंदिर का इतिहास 

1731 के आस-पास इस मंदिर का निर्माण हुआ था। मां कंकाली की मूर्ति खुदाई के दौरान मिली थी। जिसके बाद मूर्ति को रायसेन जिले के गुदावल गांव में  मंदिर का निर्माण कर स्थापित किया गया। हालांकि मंदिर के अस्तित्व का सही प्रमाण नहीं मिला। हाल की स्थिति मे मंदिर भव्य और विशाल बन चुका है। मंदिर परिसर में धर्मशाला, गौशाला, संस्कृत विद्यालय की स्थापना की जा रही है। मंदिर की प्रसिद्धि इस चमत्कार से है की यह  देश की पहली ऐसी मूर्ति है जिनकी गर्दन 45 डिग्री तक झुकी हुई है। मां कंकाली के 20 भुजाओं के साथ उनका भव्य आर्कषक स्वरूप यहां पर देखने को मिलता है। गर्भगृह में मां के साथ-साथ ब्रम्हा, विष्णु और महेश की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां आने वाले भक्त धागा बांधते हैं और मन्नत मांगते है। और भक्तों की मनोकामना भी पूर्ण होती है। 

Created On :   1 Oct 2022 7:17 PM GMT

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