विनायक चतुर्थी: आज इस पूजा से श्री गणेश को करें प्रसन्न, जानें विधि

Vinayaka Chaturthi: Worship Shri Ganesh with this method, you will get auspicious results
विनायक चतुर्थी: आज इस पूजा से श्री गणेश को करें प्रसन्न, जानें विधि
विनायक चतुर्थी: आज इस पूजा से श्री गणेश को करें प्रसन्न, जानें विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रथम पूज्य कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश की पूजा से समस्त कष्टों का नाश होता है। इसलिए भक्त गणपति देव की उपासना विधि-विधान से करते हैं। वैसे तो हर पूजा और शुभ कार्य से पहले बप्पा की पूजा की जाती है, लेकिन प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का अलग ही महत्व है, जब श्रीगणेश की आराधना की जाती है। इस बार यह 27 अप्रैल सोमवार यानी कि आज है।

विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा गया है। ऐसे में आज भक्त कोरोना महामारी से बचाव की प्रार्थना और उपासना भी विघ्नहर्ता से कर सकते हैं, जो विशेष फल और ऊर्जा प्रदान करेगी।

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शुभ मुहूर्त
विघ्नहर्ता की पूजा के लिए आज सुबह 11 बजकर 01 मिनट से दोपहर 1 बजकर 37 मिनट तक सबसे शुभ समय है। इसके अलावा दिनभर गणपति देव की पूजा आराधना की जा सकती है। 

पूजन विधि
- विनायक चतुर्थी पर स्नान कर गणेश जी के सामने दोनों हाथ जोड़कर मन, वचन, कर्म से इस व्रत का संकल्प करना चाहिए।
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें। भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। 
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं। इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि तिल का लड्डू या मोदक का भोग लगाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। 

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- संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं। 
- इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें। 
- फिर वैशाख चतुर्थी की कथा सुने अथवा सुनाएं। 
- गणपति की आरती करने के बाद अपने मन में मनोकामना पूर्ति के लिए ईश्वर से विनती करें।  

Created On :   27 April 2020 3:50 AM GMT

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