Vinayak Chaturthi Vrat 2025: वैशाख मास की विनायक चतुर्थी आज, जानें पूजा विधि और प्रिय भोग

- इस दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा की जाती है
- भगवान गणेश से ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद मिलता है
- भगवान श्री गणपति को उनका पसंदीदा भोग लगाते हैं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में हर महीने में दो चतुर्थी तिथि आती हैं, इनमें एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है। अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। फिलहाल, वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 01 मई 2025, गुरुवार को है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है।
ऐसा कहा जाता है कि, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखने के साथ ही बप्पा की पूरे विधि विधान से पूजा करता है उसे भगवान गणेश की ओर से ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं पूजा विधि...
पूजन विधि
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें।
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं।
- अब पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- शाम के समय में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं।
- चतुर्थी की कथा सुनें अथवा सुनाएं।
- गणपति की आरती करें।
श्री गणेश को लगाएं इन चीजों का भोग
पूजा के दौरान भगवान श्री गणपति को बूंदी के लड्डू का भोग जरूर लगाएं, जो उन्हें सबसे प्रिय माने जाते हैं। 5 लड्डुओं का दान ब्राह्मणों को दें और 5 भगवान के चरणों में रख बाकी प्रसाद में वितरित करें। इसके अलावा आप बप्पा को इस दिन प्रसन्न करने के लिए तिल का लड्डू या मोदक का भोग भी लगा सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   1 May 2025 4:20 PM IST