जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स को मिला ऑस्ट्रेलिया-भारत इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव पार्टनरशिप अनुदान

Jindal School of International Affairs receives Australia-India Indo-Pacific Oceans Initiative Partnership grant
जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स को मिला ऑस्ट्रेलिया-भारत इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव पार्टनरशिप अनुदान
यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोंगोंग जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स को मिला ऑस्ट्रेलिया-भारत इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव पार्टनरशिप अनुदान

डिजिटल डेस्क, कैनबरा/सोनीपत। यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोंगोंग (यूओडब्ल्यू) में ऑस्ट्रेलियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन रिसोर्सेज एंड सिक्योरिटी एंकर्स और भारत में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स (जेएसआईए) को इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव (आईपीओआई) के तहत अनुदान प्राप्त हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने हाल ही में 1,00,000 डॉलर के अनुदान की घोषणा की थी।

यह अनुदान आस्ट्रेलिया-भारत समझौते के दूसरे अनुदान चरण (2021-22) के तहत दिया गया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया की सरकार के बीच भारत-प्रशांत में समुद्री सहयोग के लिए एक साझा ²ष्टिकोण पर उनकी संयुक्त घोषणा के तहत यह अनुदान स्थापित किया गया था। यह आईपीओआई पहल को एक ऐसे चरण तक ले जाने के लिए है, जहां अधिक अंतर सरकारी गतिविधियां हों।

एंकर्स के प्रोफेसर ग्रेग रोज ने कहा कि यह परियोजना दो उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए भारत-प्रशांत समुद्री सहयोग का निर्माण करेगी। पहला उद्देश्य सहयोग के सात स्तंभों में एकीकृत महासागर प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा विकसित करना है और दूसरा उद्देश्य हिंद महासागर के लिए समुद्री प्लास्टिक कचरे को खत्म करने के लिए एक मॉडल को विकसित करना है। यह भारत-प्रशांत उप-क्षेत्रों में समुद्री पारिस्थितिकी के भीतर सामंजस्य बनाने की एक केस स्टडी के रूप में होगा।

भारत-प्रशांत महासागर पहल के तहत सहयोग के सात स्तंभों की घोषणा 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। ये हैं- समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्री सुरक्षा, समुद्री संसाधन, क्षमता निर्माण और संसाधन साझा करना, आपदा जोखिम में कमी और प्रबंधन, विज्ञान प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक सहयोग तथा व्यापार, संपर्क और समुद्री परिवहन।

ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति, प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, जेजीयू भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर इंडिया ऑस्ट्रेलिया स्टडीज की स्थापना के बाद से, हमने अपने संकाय (फैकल्टी) और छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में अपने सहयोगी संस्थानों से जुड़ने के अवसर प्रदान किए हैं।

हम इस रोमांचक परियोजना के लिए वोलोंगोंग विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी करने से खुश हैं। मुझे विश्वास है कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार द्वारा वित्त पोषित इस अनुदान से हमारे सहकर्मियों और हमारे साझेदारों को वोलोंगोंग में उन मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण नीतिगत चर्चा में योगदान करने के अवसर मिलेगा, जो हिंद-प्रशांत में दोनों देशों को प्रभावित करते हैं।

इस अभूतपूर्व परियोजना का पहला भाग सभी सात स्तंभों में और हिंद-प्रशांत के समुद्री उप क्षेत्रों के बीच सामंजस्य के तरीकों की पहचान करेगा। दूसरा भाग हिंद महासागर के लिए प्लास्टिक कार्य योजना को डिजाइन करने के तरीके की एक केस स्टडी होगा। यह दूसरे स्तंभ के तहत एक क्षेत्रीय केस स्टडी के रूप में भारत के अन्य समुद्री उप क्षेत्रों में अन्य कार्य योजनाओं का पूरक होगा।

हिंद-प्रशांत में एकीकृत समुद्री प्रबंधन और सुरक्षा: सात आईपीओआई स्तंभों को एकीकृत करने का ढांचा पर आधारित परियोजना के साथ हिंद महासागर में प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए केस स्टडी के साथ, एक सम्मेलन तथा कार्यशाला आयोजित की जाएगी और एक पुस्तक प्रकाशित किया जायेगा। एंकर्स और जेएसआईए 2023 में इस परियोजना को पूरा करेंगे।

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Created On :   27 May 2022 3:00 PM GMT

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