film review : रांची डायरीज ने किया दर्शकों को बोर

film review: Ranchi diaries bore the audience due to weak story
film review : रांची डायरीज ने किया दर्शकों को बोर
film review : रांची डायरीज ने किया दर्शकों को बोर

फिल्म:  रांची डायरीज
निर्देशक: सात्विक मोहंती
निर्माता: अनुपम खेर
कलाकार: सौंदर्या शर्मा, हिमांश कोहली,ताहा शाह, जिम्मी शेरगिल 
रेटिंग: 1.5

डिजिटल डेस्क,मुंबई। इस शुक्रवार बॉलीवुड की कोई बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हुई है। हां छोटे बजट की एक साधारण कहानी वाली फिल्म जरूरी पड़े पर्दे में रिलीज हुई, लेकिन कमजोर और घिसी-पिटी कहानी के कारण चर्चाओं से दूर रही। फिल्म का नाम है "रांची डायरीज"। पहले दिन फिल्म देखने वाले किसी और ना देखने की सलाह ही देते नजर आ रहे हैं। 

दरअसल फिल्म इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और धाकड़ प्लेयर एम एस धोनी के शहर की कहानी है। इस फिल्म से बतौर प्रोड्यूसर अनुपम खेर ने नई पारी खेली है। फिल्म की कहानी की बात करें तो कहानी गुड़िया की है। जो एक सिंगर है और पॉप वर्ल्ड में नाम कमाना चहाती है। 

फिल्म की कहानी रांची के आस-पास ही घूमती है। जिमी शेरगिल पुलिस इंस्पेटर बने हैं और अनुपम खेर भ्रष्ट पॉलिटिशियन हैं जो पैसों से कुछ भी खरीद सकता है। कॉमिक के तड़के के लिए हैं सतीश शाह ने ठीक-ठीक काम किया है।

फिल्म में सौंदर्या, उनके दोस्त ताहा शहर और हिमांश जैसे कालाकार प्रमुख भूमिकाओं में हैं। हिमांश कोहली फिल्म में मोनू की भूमिका में हूं, जो एक छोटे शहर से मैकेनिक है और जीवन में बड़ा बनने की इच्छा रखता है। 

कहानी में भ्रष्ट नेता ठाकुर भइया की एंट्री होती है। वहीं सपनों के पूरा करने की चाह और कुछ परिस्थितियों के कारण गुड़िया और उसके कुछ दोस्त बैंक लूटने तक का प्लान बना लेते हैं। फिल्म की कहानी गुड़या और उसके दोस्तों की इस बैंक चोरी के इर्द-गिर्द घुमती है। क्या होगा, क्या ये लोग अपराधी बन जाएंगे। गुड़िया के सपनों का क्या होगा यही कहानी को कॉमेडी और थ्रिलर के ताने बाने में बुना गया है। 

फिल्म की कहानी बहुत कमजोर है। प्लॉट को स्क्रीनप्ले ठीक से विकसित नहीं कर पाया, जिस वजह से ये एक बोझिल के साथ साथ बोरिंग फिल्म बन गई है। अगर फिल्म कुछ अच्छा है तो बस इस फिल्म में कलाकारों का अभिनय है, फिल्म की गई उनकी एक्टिंग और मेहनत साफ दिखाई दे रही है। नवोदित अभिनेत्री सौंदर्या की तारीफ करनी होगी। ताहा शाह और हिमांश भी खास रहे हैं।

फिल्म का गीत संगीत ठीक ठाक है। कॉमेडी क्राइम थ्रिलर वाले इस जॉनर में एक भी संवाद खास नहीं बन पाए हैं जो ऐसी फिल्मों की सबसे बड़ी जरूरत होती है।
छोटे शहरों पर बन रही फिल्मों के ट्रेंड ये फिल्म फॉलो करनी कोशिश में असफल साबित हुई है। इस फिल्म को न देखने में ही भलाई है।

Created On :   14 Oct 2017 4:43 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story