कोरोना प्रभाव : बिना स्क्रीनिंग भारत व नेपाल में प्रवेश पर रोक

- कोरोना प्रभाव : बिना स्क्रीनिंग भारत व नेपाल में प्रवेश पर रोक
गोरखपुर (उप्र), 14 मार्च (आईएएनएस)। कोरोना के खौफ ने भारत के रास्ते नेपाल जाने वाले लोगों पर कड़ा पहरा बिठाया है। बिना स्क्रीनिंग किसी व्यक्ति को भारत में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। वहीं नेपाल जाने वाले के साथ यही नियम लागू है।
कोरोना वायरस के मद्देनजर सोनौली सीमा पर 27 जनवरी से विदेशियों की स्क्रीनिंग का सिलसिला जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक 34600 हजार नागरिकों की स्क्रीनिंग हुई है। इसमें सोनौली सीमा पर 12653 तथा ठूठीबारी से 21947 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। किसी में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं पाया गया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सीमा पर बनाई गई हेल्थ डेस्क की अस्थायी चौकी पर डॉक्टरों की तैनाती और बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य चौकी पर तैनात चिकित्सक द्वारा नागरिकों की गहनता से जांच की जा रही है। साथ ही डायल 108 एंबुलेंस की तैनाती भी की गई है।
हेल्थ हेल्प कैम्प में अगर कोई कोरोना का संदिग्ध विदेशी मिला तो नेपाल और भारत एक-दूसरे को बताएंगे, ताकि इसे नियंत्रण को लेकर समय से प्रक्रिया शुरू की जा सके। ऐसी भी व्यवस्था की गई है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आई.ए. अंसारी ने कहा कि सीमा पर बड़ी एलईडी लगवाने की मांग की गई है, ताकि इस पर प्रसारित संदेशों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सके।
उन्होंने बताया कि करोना को लेकर सीमा पर दोनों देशों में हेल्थ हेल्प स्थापित हैं। सभी चेकपोस्ट पर हेल्थ डेस्क सक्रिय है। अगर कोई यात्री सर्दी-जुकाम, बुखार या सांस रोग से पीड़ित मिले तो दोनों तरफ हेल्थ कैम्प में स्क्रीनिंग कराई जा रही है। संदिग्ध मरीज मिलने पर उसे उपचार के लिए भर्ती किए जाने की व्यवस्था है।
डॉ. अंसारी ने कहा कि दोनों देशों की आम आवाम के साथ विदेशी पर्यटकों की भी सघन जांच की जाए, जिससे कोरोना को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
वहीं, जिलाधिकारी ने कहा कि नो मेंस लैंड के पास एक कोरोना हेल्थ हेल्प डेस्क और बनाया जाएगा। अब नेपाल से भारत आने वाले हर नेपाली, भारतीय की भी स्क्रीनिंग कर भारत में आने दिया जाएगा। थर्मल स्क्रीनिंग अब नो मेंस लैंड के पास होगी।
डीएम ने बताया कि सीमा पर अब जांच भारत सरकार की नई गाइड लाइन और डब्लूएचओ के नियमानुसार होगी।
भारत-नेपाल सीमा के प्रमुख मार्ग सोनौली, ठूठीबारी, रक्सौल, रुपईडीहा व विराटनगर में नेपाल की तरफ कैम्प स्थापित कर डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस को लेकर नेपाल सरकार काफी सतर्कता बरत रही है।
सूत्र बताते हैं भारत-नेपाल के प्रमुख मार्ग सोनौली, रक्सौल, रुपईडीहा के अलावा अन्य सभी मार्ग कुछ दिनों के लिए सील किए जाएंगे, जहां से पैदल आवागमन पर भी रोक लगने की संभावना है।
गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने आईएएनएस को बताया कि भारत और नेपाल सीमा के पास 19 चेकपोस्ट हैं। अवागमन के लिए सिर्फ सोनौली का फाटक ही खुला रहेगा।
गोरखपुर में टूर ट्रैवेल्स का काम करने वाले समोखन ने बताया कि यहां पर कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा पर्यटन पर मार पड़ी है। कारोबार में करीब 80 फीसदी गिरावट है। नेपाल के रिसॉर्ट में भेजी जाने वाली गाड़ियां पूरी खाली जा रही हैं। कभी एक-दो पर्यटक भले बैठ जाएं, इसके अलावा इसमें आने से लोग कतरा रहे हैं। लोग बीमारी की जांच को लेकर भी डरे हुए हैं।
खिलौनों के थोक कारोबारी रामबाबू का कहना है कि करीब 60 फीसद व्यापारियों ने ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। कोरोना के पहले प्रतिदिन लगभग 100 से अधिक खिलौनों की बिक्री हो जाती थी, लेकिन इधर इक्की-दुक्की बिक्री से दुकानदारी प्रभावित हुई है।
उन्होंने बताया कि चीन में बने खिलौनों की गुणवत्ता भले बहुत अच्छी नहीं होती, लेकिन सस्ते होने के कारण बाजार में इन खिलौनों की धूम तो रहती ही है। पिछले करीब दो माह से चीनी खिलौनों की आपूर्ति बाजार में काफी कम हो गई है। व्यापारियों ने एहतियातन ऑर्डर रद्द कर दिया है। वहीं, डिस्ट्रीब्यूटर भी माल नहीं पहुंचा पा रहे हैं। इससे चीनी खिलौनों की कीमत करीब 30 फीसद तक बढ़ गई है।
Created On :   14 March 2020 10:30 PM IST