कोरोनावायरस : दक्षिण कोरिया ने वायरस से निपटने का ब्लूप्रिंट दिखाया

- कोरोनावायरस : दक्षिण कोरिया ने वायरस से निपटने का ब्लूप्रिंट दिखाया
नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। दुनिया ने हाल ही में 1918 के स्पेनिश फ्लू की 100 वीं वर्षगांठ मनाई, जिसने 5 करोड़ लोगों की जान ले ली थी। इस फ्लू की वजह से एक लड़की की मौत हो गई थी, जिसे जोहान हटलिन प्यार से लुसी बुलाते थे। उन्हें ब्रेविग मिशन में स्थित कब्रगाह में इस लड़की के फेफड़े के ऊतकों का पता लगाने के लिए दो बार खुदाई करनी पड़ी और इसमें करीब आठ दशक का समय लगा।
लड़की के फेफड़े के संभाल कर रखे गए उत्तकों ने 2005 में वायरस के अनुक्रम के लिए अनुवांशिक सामग्री प्रदान की थी। हालांकि उसके बाद में तीन और इंफ्लूएंजा महामारी का सामना करना पड़ा, लेकिन इनमें से किसी भी महामारी के दौरान 1918 के स्पैनिश फ्लू के समान मृत्यु दर नहीं थी।
यहां तक की एच7एन9 मामले में भी स्पेनिश फ्लू के मुकाबले मृत्युदर कम थी। इस अंतर में बॉयलोजिकल फैक्टर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
102 वर्ष बाद, हम एक ऐसे वायरस का डर के साथ सामना कर रहे हैं जो लोगों खासकर बुजुर्गो पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। मुसीबत की इस घड़ी में, हमारी दुनिया, जैसा कि हम जानते हैं, पहली बार इतनी तेजी से बदल रही है।
एक नया विश्व क्रम तैयार हो रहा है, जो किसी सामाजिक-आर्थिक या सामाजिक वर्गो की वजह से तैयार नहीं हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा लोगों की रक्षा करने की क्षमता और लोगों की सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के सेंस के आधार पर तैयार हो रहा है।
इस मामले में दक्षिण कोरिया की सफलता की कहानी पर अध्ययन का ध्यान केंद्रित किया गया है, जो बड़े पैमाने पर सामूहिक परीक्षण, दक्षता और तेजी से लागू करने की उनकी क्षमता पर आधारित है। उनकी सजगता ने निश्चित की सैकड़ों जानें बचाई है। वहीं इटली की बात करें तो विश्व के श्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाओं के बावजूद वहां के हालात बेहद खराब नजर आए।
दक्षिण कोरिया में घटते नए मामले उनके सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और स्वास्थ्य प्रणालियों, मीडिया एजेंसियों और उत्तरदायी नागरिकों के बीच पारदर्शी संदेश की वजह से है।
उनके एमईआरएस के साथ अनुभवों को देखते हुए, कोरियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने सघन घनी आबादी के बावजूद दुनिया को वायरस से निपटने के लिए एक ब्लूप्रिंट दिखाया।
Created On :   22 March 2020 7:30 PM IST