इस भूल की वजह से कोरोना का नया वेरिएंट बना खतरनाक? WHO ने बताई ओमिक्रॉन के घातक होने की वजह!
- टीकाकरण की रफ्तार में कमी करना सही नहीं - WHO
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पिछले 2 साल के दौरान अपने रुप में में काफी बदलाव किया है। वैज्ञानिकों ने इस पर कई अध्ययन किए और बचाव के उपाय भी बताए। साल 2021 में वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने अफ्रीकी देशों में तबाही मचा रखी है। लेकिन, अब ये नया वेरिएंट धीरे-धीरे दुनिया के ज्यादातर देशों में अपने पैर पसार रहा है, जिसमें ब्रिटेन, लंदन, सऊदी अरब और ब्राजील जैसे देश शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन के खतरनाक होने की वजह बताई है और सभी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि, अब तक 23 देशों में फैल चुके इस नए वेरिएंट के ताकतवर होने का सबसे बड़ा कारण है टीकाकरण की रफ्तार में कमी और लो टेस्टिंग। WHO ने कहा कि, जिन देशों में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है और टेस्टिंग पर भी कम ध्यान दिया जा रहा है। वहां पर नया वेरिएंट आसानी से ताकतवर बन जाता है और इसका प्रसार पूरी दुनिया में होने लगता है। इसलिए हमें सावधान रहने की जरुरत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन से बचने के सवाल पर कहा कि, हमें कुछ नया करने की जरुरत नहीं है। हमारे पास कोरोना के कुछ ऐसे हथियार पहले से मौजूद है, जिन्हें सही समय पर इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। कुछ देशों ने ओमिक्रॉन के खतरे को भांपते हुए अफ्रीकी देशों की यात्रा पर बैन लगा दिया। लेकिन, WHO उनके इस फैसले को सही नहीं मानता है और उनका कहना है कि, इससे वायरस के प्रसार को रोका नहीं जा सकता है।
डेल्टा वेरिएंट से सावधान
WHO का कहना है कि, ओमिक्रॉन की दहशत के बीच आपको डेल्टा वेरिएंट को नहीं भूलना चाहिए। क्योंकि अब भी दुनियाभर में डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मामले ओमिक्रॉन से ज्यादा है। ऐसे में जिस तरह से डेल्टा के खतरे को कम करने की कोशिश हुई है वैसे ही ओमिक्रॉन पर भी कुछ उपाय जरुर निकलेगा।
ओमिक्रॉन पर जानकारी सीमित
WHO ने कहा कि, ओमिक्रॉन को लेकर जानकारी अभी बहुत सीमित है। इस पर जांच लगातार की जा रही है। लेकिन, अभी ये नहीं बताया जा सकता कि, ये वेरिएंट वैक्सीन के असर को क्या कम करता है या फिर ये वेरिएंट कितनी तेजी से फैलता है। इन सब बातों का जवाब अध्य्यन के बाद ही सामने आएगा।
Created On :   2 Dec 2021 10:18 AM IST