धनतेरस : सोने का अमृत कलश लेकर इसी दिन प्रकट हुए थे धनवंतरि

Dhanteras: Dhanwantari appeared on this day with the nectar of gold nectar
धनतेरस : सोने का अमृत कलश लेकर इसी दिन प्रकट हुए थे धनवंतरि
धनतेरस : सोने का अमृत कलश लेकर इसी दिन प्रकट हुए थे धनवंतरि

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। धातु के बर्तनों और रत्न-आभूषणों की खरीदारी के लिए शुभ-मुहूर्त माने जाने वाले धनतेरस पर देशभर में लोग सोने और चांदी की खरीदारी खूब करते हैं। इसके पीछे एक पौराणाकि कथा है कि सुख, समृद्धि और आरोग्य प्रदान करने वाले देवता और आयुर्विज्ञान के जनक भगवान धनवंतरि इसी दिन सोने का अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।

पद्म पुराण के आख्यान के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को प्रकट हुए थे। वह अमृत कलश सोने का था, जिसमें कई प्रकार के रत्न-जड़ित थे। यही कारण है कि सोने की खरीदारी के लिए इस तिथि को शुभ-मुहूर्त माना जाता है।

ज्योतिषाचार्य प्रभाकर मिश्र ने आईएएनएस को बताया कि सोना के साथ-साथ लोग चांदी भी खरीदते हैं क्योंकि चांदी लक्ष्मी को पसंद है।

उन्होंने बताया कि सोना महंगा होने के कारण आमलोगों की क्षमता के बाहर था, इसलिए साधारण लोग सोने के बदले पीतल के बर्तन खरीदने लगे क्योंकि पीतल का भी रंग पीला होता है। इसके अलावा, तांबा और कांस्य के बर्तनों की भी खरीदारी की जाती है क्योंकि इन बर्तनों का इस्तेमाल लोग अपने रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं।

उन्होंने बताया कि पद्म पुराण की कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने धनवंतरि को आशीर्वाद दिया था कि सुख-समृद्धि और आरोग्य के लिए लोग धनतेरस पर उनकी पूजा करेंगे, इस पर उनके साथ भगवान के सामने प्रकट हुए यम (मृत्यु के देवता) ने भगवान विष्णु से वरदान मांगा, जिसके बाद भगवान ने कहा कि लोग यम के नाम से इस दिन यमदीप जलाएंगे।

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने यम के हाथ में झाड़ू थमा दिया था, यही कारण है कि धनतेरस पर लोग स्वच्छता के लिए झाड़ू भी खरीदते हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार धनतेरस स्वच्छता का भी पर्व है जिससे लोग सेहतमंद रहते हैं।

एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक, इसी दिन भगवान विष्णु ने अपने वामन अवतार में इसी दिन असुरों के गुरु शुक्राचार्य की एक आंख फोड़ दी थी।

प्रभाकर मिश्र ने बताया कि मरक डेय पुराण के अनुसार, राजा बलि की परीक्षा लेने पहुंचे वामन भगवान के कमंडल में शुक्राचार्य छिप गए थे। भगवान इस बात को समझ गए और उन्होंने कुश की शिखा से उनकी एक आंख फोड़ दी थी, जिसके बाद वे कमंडल से बाहर आ गए।

धनतेरस के दिन लोग विभिन्न प्रकार की धातुएं खरीदते हैं। ग्रह-नक्षत्र के जानकार लोगों को उनकी राशि के अनुसार धातुएं खरीदने की सलाह देते हैं। मेष राशि को पीली धातु जैसे सोना और पीतल, वृष के चांदी, मिथुन के लिए कांस्य, कर्क के लिए चांदी, सिंह के लिए सोना, कन्या के लिए कांस्य, तुला के लिए सोना और चांदी, वृश्चिक के लिए तांबा, धनु के लिए पीतल, सोना और चांदी, मीन के लिए पीतल तथा मकर और कुंभ को लोहे तथा स्टील का सामान खरीदने की भी सलाह देते हैं।

प्रभाकर मिश्र ने कहा कि धातु के बर्तन खरीदने पर उसे खाली नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसमें अनाज व अन्य जरूरी वस्तुएं भी रखनी चाहिए।

Created On :   25 Oct 2019 2:00 PM GMT

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