भास्कर एक्सक्लूसिव: ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री, भारत में महंगाई का बम फटने का खतरा, जानें क्या-क्या होगा महंगा

ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री, भारत में महंगाई का बम फटने का खतरा, जानें क्या-क्या होगा महंगा
  • ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री
  • भारत में महंगाई का बम फटने का खतरा
  • पेट्रोल और सोने की कीमत में आ सकते हैं उछाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है। अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हवाई हमले किए। इस हमले से मध्य-पूर्व में तनाव और बढ़ गया है, जिसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे भारत में महंगाई की आग भड़क सकती है।

कच्चा तेल 80 डॉलर के पार, भारत पर बढ़ा दबाव

ईरान-इजरायल युद्ध और अमेरिकी हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई हैं। भारत, जो अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात करता है, के लिए यह चिंता की बात है। तेल की बढ़ती कीमतों से पेट्रोल-डीजल महंगे होंगे, जिसका सीधा असर माल ढुलाई, परिवहन और रोजमर्रा की वस्तुओं पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर युद्ध लंबा खिंचा तो तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं, जिससे भारत में महंगाई बेकाबू हो सकती है।

होर्मुज जलडमरूमध्य पर संकट

ईरान ने धमकी दी है कि वह होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है, जहां से दुनिया का 25% तेल गुजरता है। भारत अपने तेल आयात का 60-65% इसी रास्ते से लाता है। अगर यह जलमार्ग बंद हुआ तो तेल आपूर्ति ठप हो सकती है, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। सरकार भले ही रणनीतिक तेल भंडार (9-10 दिन की खपत) का इस्तेमाल कर ले, लेकिन लंबे संकट में यह नाकाफी होगा।

निर्यात-आयात पर भी मार

युद्ध के कारण भारत का पश्चिम एशिया के साथ व्यापार प्रभावित हो रहा है। चाय, बासमती चावल और खाद्य तेल जैसे निर्यातकों को नुकसान का डर है। शिपिंग लागत और बीमा प्रीमियम बढ़ने से आयात-निर्यात महंगा हो रहा है। मुंबई की कंपनी टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज ने तो ईरान और इजरायल को शिपमेंट रोक दिया है। अगर स्थिति बिगड़ी तो यूरोप के साथ भारत का व्यापार भी प्रभावित होगा।

सोने की कीमतों में उछाल

युद्ध की अनिश्चितता के बीच निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर भाग रहे हैं। नतीजतन, सोने की कीमतें 2,410 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई हैं। भारत में भी सोने के दाम बढ़ने से ज्वेलरी और निवेश महंगा हो सकता है।

भारत की मुश्किल स्थिति

भारत के लिए यह युद्ध इसलिए भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उसके इजरायल और ईरान दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। एक तरफ इजरायल भारत का रक्षा और तकनीकी साझेदार है, वहीं ईरान तेल और चाबहार बंदरगाह जैसे रणनीतिक प्रोजेक्ट्स में महत्वपूर्ण है। ऐसे में भारत को कूटनीतिक संतुलन बनाना होगा।

आम आदमी की जेब पर असर

तेल की कीमतें बढ़ने से न सिर्फ पेट्रोल-डीजल महंगा होगा, बल्कि खाने-पीने की चीजें, ट्रांसपोर्ट और बिजली भी महंगी हो सकती है। युद्ध जितना लंबा चलेगा, भारत में महंगाई का बोझ उतना ही बढ़ेगा। सरकार के सामने कीमतों को नियंत्रित करने और आपूर्ति सुनिश्चित करने की बड़ी चुनौती है।

Created On :   23 Jun 2025 10:10 PM IST

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