ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने संयुक्त अभियान चलाकर पाकिस्तान पर किया मिसाइलों से हमला

- बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को बनाया निशाना
- जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल, मसूद अजहर और हाफिज सईद के ठिकानों पर स्ट्राइक
- सेना ने लोइटरिंग म्यूनिशंस का किया इस्तेमाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना बुधवार देर रात पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई की। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई ठिकानों पर हमले भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने संयुक्त अभियान चलाकर मिसाइल दागी। सेनाओं ने सटीक हमला किया। सेना ने ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकवादियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए।
भारत ने जिन आतंकी ठिकानों पर हमले किए हैं, उनमें कोटली, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद शामिल है। हालांकि, भारतीय सेना ने कहा है कि इस स्ट्राइक को लेकर विस्तृत जानकारी बाद में साझा की जाएगी। फिलहाल जो रिपोर्ट्स आ रही हैं, उनमें कहा जा रहा है कि जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल, मसूद अजहर और हाफिज सईद के ठिकाने भी शामिल हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हमलों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की ओर से सटीक हमला करने वाली हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया। इसमें लोइटरिंग हथियार भी शामिल थे। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर हमलों के इनपुट खुफिया एजेंसियों की ओर से मुहैया कराए गए थे। हमले भारतीय धरती से ही किए गए। हमलों में जैश और लश्कर के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के तहत दागी गईं मिसाइलों ने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया। इसके अलावा मुजफ्फराबाद के सेंट्रल ग्रिड सिस्टम पर भी मिसाइलों का कहर बरपा। मामले में सबसे बड़ा दावा यह भी किया जा रहा है कि भारत की स्ट्राइक के तहत मुरीदके में आतंकी हाफिज सईद के ठिकानों को भी नेस्तानाबूद किया गया। जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। इसका सरगना वही मसूद अजहर है, जिसे 1999 में कंधार विमान हाईजैक मामले के बाद रिहा करना पड़ा था। आतंकी हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का सरगना है, जो 26/11 के मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है।
सेना ने सटीक हमला करने वाली हथियार प्रणाली का इस्तेमाल किया। इसमें लोइटरिंग म्यूनिशंस यानी कामिकाजे ड्रोंस या सुसाइड ड्रोंस भी शामिल थे। ये ऐसे हथियार हैं, जो सटीक निशाना लगाने से पहले लक्ष्यों के आसपास मंडराते हैं। यूएवी की निगरानी क्षमताओं और मिसाइलों की घातक सटीकता को साथ लाने से यह हथियार दुश्मनों काल साबित होता है। पारंपरिक मिसाइलों के उलट यह सिर्फ पहले से तय किए गए लक्ष्य का पीछा नहीं करते, बल्कि, वे सही समय का इंतजार करते हैं, लक्ष्य के आसपास मंडराते हैं, ट्रैक करते हैं और फिर हमला करते हैं। ऐसे हथियार है, जो एक ही ऑपरेशन में खुफिया जानकारी भी इकट्ठा करते हैं और भारी तबाही मचाते हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई के तौर पर भारतीय सेना की ओर से सफलतापूर्वक निशाना बनाए गए नौ ठिकानों में से चार पाकिस्तान में और 5 पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं। पाकिस्तान में स्थित ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शामिल हैं। आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया। भारतीय सेना ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में उनकी भूमिका के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाने के इरादे से हमलों के लिए स्थान का चयन किया था।
Created On :   7 May 2025 10:30 AM IST