किसान आंदोलन: एक और किसान की मौत, चिलचिलाती धूप बनी सांस लेने में परेशानी, आंदोलन में मरने वाले किसानों का आकंड़ा बढ़ा

एक और किसान की मौत, चिलचिलाती धूप बनी सांस लेने में परेशानी, आंदोलन में मरने वाले किसानों का आकंड़ा बढ़ा
  • आंदोलन के दौरान एक किसान की मौत
  • 28 दिनों से जारी है किसान आंदोलन
  • 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान करेंगे विरोध प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर किसान शंभू और खनौरी बॉडर पर डटे हुए हैं। बीते 28 दिनों से हरियाणा और पंजाब के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच किसान आंदोलन में एक और किसान की मौत हो गई है। इसी के साथ आंदोलन में अब तक नौ लोग मारे जा चुके हैं।

भारतीय किसान यूनियन के बलदेव सिंह को आंदोलन के दौरान सांस में तकलीफ हुई। इसके बाद सहयोगी किसानों ने बलदेव सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी मौत हो गई। यह आंदोलन में 9वीं मौत है। जिसमें 3 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

खनौरी बॉर्डर पर डटे थे बलदेव सिंह

जानकारी के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से बलदेव सिंह खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल थे। इस दौरान अचानक उन्हें सांस में तकलीफ हुई। जिसके बाद उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

चिलचिलाती धूप में किसान खुले आसमान में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दोपहर में तपिश बढ़ने के चलते किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन किसान पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

रामलीला मैदान में आंदोलन करेंगे किसान

14 मार्च को किसान दिल्ली रामलीला मैदान में आंदोलन करेंगे। जिसमें किसान-मजदूर महापंचायत करेंगे। इस आंदोलन में हजारों किसान जुटेंगे। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि 14 मार्च को किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसान मजदूर महापंचायत में सभी किसान और मजदूर संगठन एकजुटता दिखाते हुए एक मंच पर आएंगे। मोदी सरकार जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं करती है, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। किसानों को दबाने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन किसान भी पूरी तरह से केंद्र सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि, 23 फरवरी को किसान दिल्ली कूच कर रहे थे। इस दौरान किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था। साथ ही, किसानों पर आंसू-गैस के गोलों भी दागे गए थे। इस घटना के दौरान बठिंडा के युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। इसके अलावा 100 से ज्यादा किसान गंभीर रूप से घायल हुए थे।

Created On :   11 March 2024 1:46 PM GMT

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