लॉकडाउन के दौरान 88 प्रतिशत घटा वायु प्रदूषण, फिर हुआ गंभीर

88 percent air pollution reduced during lockdown, again serious
लॉकडाउन के दौरान 88 प्रतिशत घटा वायु प्रदूषण, फिर हुआ गंभीर
लॉकडाउन के दौरान 88 प्रतिशत घटा वायु प्रदूषण, फिर हुआ गंभीर

नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के शुरुआती चरण के दौरान देश के छह प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी गिर गया था। मगर अब चूंकि देश में विभिन्न गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू हो रही हैं, तो प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ने लगा है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में इसका पता चला है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के अनुसार, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरू में पीएम 2.5 का स्तर महामारी के बाद लगाए गए राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान 45 से 88 प्रतिशत तक कम हो गया था।

विश्लेषण में हालांकि पाया गया कि जब देश राष्ट्रव्यापी बंद 4.0 तक पहुंचा तो और यहां गतिविधि धीरे-धीरे दोबारा शुरू हुईं तो प्रदूषण फिर से बढ़ने लगा।

रिपोर्ट में कहा गया है, छह शहरों में राष्ट्रव्यापी बंद 4.0 के दौरान पीएम 2.5 के स्तर में दो-छह गुना वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में निकले निष्कर्षों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में चार से छह गुना प्रदूषण में वृद्धि दर्ज की गई। जबकि अन्य शहरों में दो से छह गुना वृद्धि देखी गई।

प्रदूषण में शुरुआती कमी का कारण यह था कि राष्ट्रव्यापी बंद होने के तुरंत बाद औद्योगिक गतिविधि बंद हो गई थी। इसके अलावा सड़क पर यातायात में कमी और निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक से भी प्रदूषण घटा।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि विश्लेषण से पता चला कि आसमान को नीला बनाने और हमारी हवा व फेफड़े को साफ रखने के लिए देश को कितने बड़े पैमाने पर हस्तक्षेप की जरूरत है।

सीएसई ने बेहतर, स्वच्छ एवं अधिक टिकाऊ पर्यावरण और वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरणीय मांगों का एक चार्टर भी प्रस्तुत किया है।

Created On :   6 Jun 2020 2:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story