UP News: यूपी में गैंगस्टर एक्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का सख्त रुख, योगी सरकार को दी जवाब देने के लिए 3 हफ्तों की मोहलत

- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के समय उठाया सवाल
- अदालत ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट की जरूरत पर उठाया सवाल
- यूपी सरकार से तीन हफ्तों के अंदर मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम प्रश्न उठाया है। उन्होंने कहा है कि, जब न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 में संगठित अपराधों को कंट्रोल करने के लिए कई प्रावधान किए हैं। तो फिर उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट की अब क्या जरूरत है? कोर्ट ने कहा है कि, पहली नजर में ऐसा लगता है कि, बीएनएस के लागू होने पर गैंगस्टर एक्ट के प्रावधान बिना किसी मतलब के हैं। कोर्ट ने इस सवाल को विचारणीय माना है और राज्य सरकार के साथ सभी प्रतिवादियों से तीन हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है। साथ ही, जांच में सहयोग की शर्त पर याची की गिरफ्तारी पर भी अंतरिम रोक लगाई है।
विजय सिंह की याचिका पर सुनवाई
बता दें, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना की खंडपीठ की तरफ से ये आदेश मिर्जापुर के रहने वाले विजय सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। विजय सिंह के खिलाफ हलिया थाना क्षेत्र में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा जारी किया था।
याची के अधिवक्ता का क्या है कहना?
याची के वकील अजय मिश्रा ने कोर्ट में दलील पेश की है कि विजय सिंह जिस भी मामलों के आधार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत रखे गए हैं, उन सभी मामलों में वे पहले ही जमानत पर रिहा हो गए हैं। उनके खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा राजनीतिक द्वेष और झूठे आरोपों के आधार पर है। राज्य सरकार की तरफ से पेश अपर शासकीय वकील ने भी ये दावा किया है कि, विजय सिंह संगठित अपराध का हिस्सा है और इस मुकदमे में हर तरह से लिप्त है।
कोर्ट ने क्या आदेश दिए?
कोर्ट ने कहा है कि, बीएनएस 2023 की धारा 111 में संगठित अपराध को लेकर बहुत ही स्पष्ट और विस्तृत प्रावधान हैं। इस धारा के अंतर्गत किडनैप, डकैती, वसूली, साइबर, अपराध, मानव तस्करी, सुपारी किलिंग, भूमि कब्जा जैसे कई अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं। इतना ही नहीं, अपराध में मदद करने, छुपाने और सहयोग करने वाले लोगों के लिए भी सख्त सजा का प्रावधान है। कोर्ट का कहना है कि, अब जब बीएनएस में संगठित अपराध को लेकर व्यापक व्यवस्था है तो गैंगस्टर एक्ट के तहत अलग से की जाने वाली कार्रवाइयों को रोक देना चाहिए।
Created On :   10 July 2025 4:35 PM IST