संविधान को नहीं मानता संघ, खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता समझता है : ओवैसी
- ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा है
- 'पिछले 90 सालों से RSS की यही भाषा रही है
- इसमें कोई आश्चर्य वाली बात नहीं।'
- भागवत ने कहा था
- 'हिंदुओं को साथ आना होगा। शेर अकेले रहता है तो जंगली कुत्ते हमला करके उसे खत्म कर सकते हैं।'
- मोहन भागवत ने विश्व हिंदू सम्मेलन में दिया था शेर और कुत्ते वाला बयान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के शिकागो शहर में विश्व हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर विवाद शुरू हो गया है। उन्हें हिंदुओं को एकजुट होने के लिए दिए गए अपने शेर और कुत्ते वाले उदाहरण पर विपक्षी दलों का निशाना बनना पड़ रहा है। दरअसल, विश्व हिंदू सम्मेलन में भागवत ने कहा था कि हिंदू तभी समृद्ध होंगे, जब एकजुट होकर काम करेंगे। उन्होंने कहा था, "हिंदूओं को मतभेद खत्म करने होंगे और साथ आना होगा। एक शेर अकेले रहता है तो जंगली कुत्ते हमला करके उसे खत्म कर सकते हैं। हमें इसे नहीं भूलना चाहिए।"
भागवत की इस टिप्पणी पर अब एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा है कि संघ प्रमुख को बताना चाहिए कि शेर कौन है और कुत्ता कौन है? उन्होंने कहा, "भारतीय संविधान सभी को इंसान मानता है। वह शेर और कुत्ते के रूप में लोगों से बर्ताव नहीं करता। समस्या RSS की है क्योंकि RSS भारतीय संविधान में यकीन ही नहीं रखता है।"
So who are dogs and the lion? Indian Constitution defines everyone as humans doesn"t treat them as dogs or lion. The problem with RSS is that they don"t believe in Indian constitution: A Owaisi on RSS Chief"s statement, "if a lion is alone, wild dogs can invade destroy it" pic.twitter.com/XLipWRiO0e
— ANI (@ANI) September 8, 2018
ओवैसी यहीं नहीं रूके। उन्होंने यह भी कहा कि यह संघ की गंदी विचारधारा ही है, जिसके तहत वे अन्य लोगों को कुत्ता और खुद को शेर बताते हैं। RSS की यह भाषा आज से नहीं बल्कि पिछले 90 सालों से रही है, इसमें कोई आश्चर्य वाली बात नहीं है।"
बता दें कि 1893 में स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म संसद में दिए भाषण की 125वीं वर्षगांठ पर इस बार फिर से शिकागो में विश्व हिन्दू सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में 80 से अधिक देशों के 2,500 हिन्दु प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम 7 सितंबर से शुरू होकर 9 सितंबर तक चलेगा। कार्यक्रम के अंतिम दिन यानि 9 सितंबर को वेंकैया नायडू हिन्दु प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।
Created On :   8 Sept 2018 10:13 PM IST