भगवा मुक्त हुए बीजेपी के तीन गढ़, तेलंगाना में TRS सरकार तो मिजोरम में MNF की वापसी

भगवा मुक्त हुए बीजेपी के तीन गढ़, तेलंगाना में TRS सरकार तो मिजोरम में MNF की वापसी
हाईलाइट
  • मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांटे की टक्कर के बाद कांग्रेस बहुमत के करीब पहुंची
  • छत्तीसगढ़ में रमण सरकार का सफाया
  • 15 साल बाद सत्ता में कांग्रेस
  • तेलंगाना में फिर TRS की सरकार
  • मिजोरम में MNF की 10 साल बाद सत्ता में वापसी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के तीन प्रमुख हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस की वापसी हो गई है। छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस ने बीजेपी को क्लीन स्वीप कर दिया है, वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। राजस्थान में जहां कांग्रेस के हाथ 99 सीटें लगी, वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस के हिस्से 114 सीटें आईं। बता दें कि राजस्थान में बहुमत के लिए 101 और एमपी में बहुमत के लिए 116 सीटों की आवश्यकता है। मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों राज्यों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत के लिए 2-2 सीटों की आवश्यकता है, लेकिन बीजेपी से आगे होने के चलते दोनों ही राज्यों में कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। मध्य प्रदेश में देर रात तक चले मंथन के बाद बीजेपी ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

उधर, छत्तीसगढ़ में बीजेपी को महज 15 सीटें आने के बाद रमन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया, यहां कांग्रेस को 67 सीटें हाथ आईं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में बहुमत के लिए 46 सीटों की आवश्यकता है। इधर, तेलंगाना में एक बार फिर केसीआर का जादू चल गया है। यहां तेलंगाना राष्ट्र समिति स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बना रही है। तेलंगाना की 119 सीटों में से TRS ने 88 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) की 10 साल बाद सरकार में वापसी हो गई है। यहां MNF ने 40 में से 26 सीटों पर कब्जा कर कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस का वनवास खत्म-
मध्य प्रदेश में 15 सालों से सत्ता का वनवास काट रही कांग्रेस की वापसी हो गई है। यहां कांग्रेस के हिस्से 114 सीटें आईं हैं। हालांकि बहुमत के आंकड़े से कांग्रेस अभी भी 2 सीट दूर है, लेकिन बीजेपी की 109 सीटों के मुकाबले ज्यादा सीटें मिलने के बाद कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाने के लिए दावा पेश कर दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ आज (बुधवार) को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस के नव निर्वाचित विधायकों के साथ अहम बैठक लेंगे। वहीं बीजेपी भी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने ट्विट करते हुए कहा है कि सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से मुलाकता करेंगे। मध्य प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस के अलावा 1 सपा, 2 बसपा और अन्य दलों के पाले में आई है। 

राजस्थान में फिर पांच सालों में पलटी सरकार
राजस्थान में 200 में से 99 सीटें जीतकर कांग्रेस ने राज्य से बीजेपी सरकार को बेदखल कर दिया है। हालांकि सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को यहां 2 और सीटों की आवश्यकता होगी, जिसे जुटाना पार्टी के लिए कोई बड़ी बात नहीं दिखाई दे रही है। यहां बीजेपी ने 73, बसपा ने 6, सीपीआई ने 2 और अन्य ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की है। राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक तो तय है, मगर पार्टी के लिए यहां सीएम के चेहरे को लेकर बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। यहां सीएम उम्मीदवारी के लिए कांग्रेस के पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सांसद सचिन पायलट को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। कांग्रेस के अगले सीएम उम्मीदवार के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा है कि विधायक दल की बैठक के बाद ही सबकुछ तय किया जाएगा। वहीं सचिन पायलट ने कहा है कि किसे क्या पद मिलेगा, इसका निर्णय कांग्रेस आलाकमान और राहुल गांधी को करना है।

छत्तीसगढ़ में रमन सरकार का सफाया
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पिछले 15 सालों से सत्ता से बाहर थी। इस बार कांग्रेस ने यहां बीजेपी का सूपड़ा पूरी तरह साफ कर दिया है। राज्य की 90 सीटों में से कांग्रेस ने 68 सीटों पर कब्जा कर रमन सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया है। यहां बीजेपी को महज 15 सीटें हाथ आईं हैं। वहीं अन्य के खाते में 7 सीटें गई हैं। सीएम रमन सिंह ने भी अपनी पार्टी की हार को स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस ने अन्य राज्यों की तरह यहां भी सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया था। अब जब पार्टी को राज्य में भारी बहुमत हासिल हुआ है तो कांग्रेस के सामने सीएम चेहरे का चयन करना एक बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में 4 ऐसे बड़े नाम हैं, जो सीएम के लिए उम्मीदवार माने जा रहे हैं। ये चार बड़े नाम मौजूदा विधानसभा चुनाव में विपक्ष के नेता त्रिभुनेश्वर शरण सिंहदेव, भूपेश बघेल, ताम्रध्‍वज साहू और चरण दास महंत हैं।

तेलंगाना में फिर TRS
तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की TRS की आंधी आई और उसमें सभी विपक्षी पार्टी उड़ गई है। TRS ने 88 सीटें पर कब्जा जमाया है, जबकि कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत मिली है। वहीं ओवैसी की AIMIM ने 7 सीटों पर जीत हासिल की है। TRS को 46.9% वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस को 28.4% वोट मिले हैं। केसीआर ने गजवेल विधानसभा छेत्र से अपने प्रतिद्वंदी को 50,000 वोट से हराया। वहीं केसीआर के बेटे केटीआर रामा राव सिरसिला सीट से लगभग एक लाख सीट से आगे हैं। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरउद्दीन ओवैसी चंद्रायान गुट्टा सीट से जीत चुके हैं।

मिजोरम में 10 साल बाद MNF की वापसी
मिजोरम में 10 साल बाद MNF की सत्ता में वापसी हो गई है। यहां MNF ने 40 में से 26 सीटों पर कब्जा जमाकर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री पी ललथनहवला चंफाई साउथ और सेरछिप दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं। वहीं MNF के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जोरमथांगा आइजोल पूर्व सीट से जीत गए हैं। उन्होंने निर्दलीय सपदंगा को 2500 वोट से हराया। MNF की जीत ने नॉर्थ ईस्ट के एकमात्र राज्य से भी कांग्रेस का पत्ता साफ कर दिया है। कांग्रेस को यहां मात्र 5 सीटों पर जीत हासिल हुई। वहीं बीजेपी ने एक सीट पर कब्जा जमाया है। जीत के बाद MNF अध्यक्ष जोरमथंगा ने कहा कि वह किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे। जोरमथंगा ने कहा, "हम अकेले सरकार बनाएंगे, क्योंकि हमारे पास 26 सीट हैं।" 

Created On :   11 Dec 2018 12:11 PM GMT

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