काष्ठ आधारित उद्योगों के लिए नया विधेयक लाएगी बिहार सरकार

Bihar government will bring new bill for wood based industries
काष्ठ आधारित उद्योगों के लिए नया विधेयक लाएगी बिहार सरकार
काष्ठ आधारित उद्योगों के लिए नया विधेयक लाएगी बिहार सरकार
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पटना, 31 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां शुक्रवार को कहा कि विधानमंडल के आगामी सत्र में सरकार काष्ठ आधारित उद्योगों के विनियमित करने के लिए सरकार एक नया विधयेक लाएगी। उन्होंने कहा कि अन्य उद्योगों की तरह काष्ठ उद्योग स्थापित करने वालों को भी रियायत देने पर विचार किया जा रहा है।

इस साल बजट के पूर्व परिचर्चा की पहली बैठक में वन, वानिकी एवं पर्यावरणीय प्रक्षेत्र से जुड़े करीब दो दर्जन से अधिक लोगों के सुझाव सुनने के बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विधानमंडल के आगामी सत्र में काष्ठ आधारित उद्योगों को विनियमित करने के लिए सरकार एक नया विधेयक ला रही है।

उन्होंने कहा, वर्ष 2005-06 में वन विभाग का बजट जहां मात्र 50 करोड़ रुपये था वहीं 2019-20 में 911 करोड़ रुपये हो गया है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले तीन साल में वन विभाग की ओर से 2,756 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे एवं 7.70 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है।

मोदी ने कहा कि कृषि वानिकी के तहत 2012-18 के बीच बिहार में पोपुलर व अन्य प्रजातियों के 8.46 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। पोपुलर के परिपक्व पेड़ों को खरीद कर दूसरे राज्यों में ले जाने वालों को सरकार आवश्यक सहूलियत देगी। बिहार में जैव विविधता बोर्ड के साथ ही विगत साल 27 दिसंबर को पांच हजार से ज्यादा पंचायतों में उसकी प्रबंधन समिति गठित कर ली गई है।

उन्होंने कहा कि विकास परियोजनओं के दौरान पेड़ों की कम से कम कटाई हो, दूसरी जगहों पर उखाड़ कर लगाया जाए, इसके लिए सरकार ने एक नीति बनाई है।

जल-जीवन-हरियाली अभियान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस अभियान इके तहत के तहत इस साल पृथ्वी दिवस (9 अगस्त) के दिन 2.51 करोड़ पौधरोपण किया जाएगा। इसके लिए 1,794 सरकारी नर्सरी में 4.69 करोड़ पौधे तैयार किए जा रहे हैं। हर पंचायत में 2,200 पौधा लगाने की अभी से ही व्यापक तैयारी की जा रही है।

नर्सरी संचालकों को बाहर भेजकर तथा किसानों को पौधरोपण की प्रशिक्षण देने, स्थानीय निजी नर्सरी से पौधों की खरीद व बांस की खेती को बढ़ावा देने के सुझाव पर सरकार विचार करेगी। कृषि वानिकी के तहत किसानों को पौधे मुफ्त में नहीं, बल्कि 10 रुपया प्रति पौधा सुरक्षा निधि लेकर दिया जाएगा और तीन साल बाद सुरक्षा निधि के अतिरिक्त पौधे की जीविता के आधार पर उन्हें 60 रुपये दिए जाएंगे।

परिचर्चा में काष्ठ आधारित उद्योग, नर्सरी, कृषि वानिकी, ईको टूरिज्म, पर्यावरण, जैव विविधता, वन्यजीव संरक्षण व स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े करीब 50 प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव व विचार साझा किए।

Created On :   31 Jan 2020 5:31 PM GMT

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