ISRO की मदद से समंदर में दुश्मनों पर रखी जाएगी नजर
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। मुंबई जैसे आतंकी हमलों की नापाक कोशिशों को नाकाम करने के लिए केंद्र सरकार अचूक समुद्री सुरक्षा को अंतिम रूप दे रही है। इसके लिए भारत की समुद्री सीमा को और मजबूत बनाने और सुरक्षा पर पैनी नजर रखने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। समंदर में दुश्मन की हर हरकत पर निगरानी रखने के लिए इसरो की सैटेलाइट तस्वीरों की मदद ली जाएगी। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही इसरो उपग्रह तस्वीरों का इस्तेमाल समुद्री तटों की सुरक्षा और संदिग्ध जहाजों और नौकाओं की निगरानी के लिए किया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तटीय सुरक्षा के तहत अगले साल मार्च से 1000 ट्रांसपोर्डर प्रदान करेगा, जिसकी मदद से 26/11 जैसे मुम्बई आतंकवादी हमलों को विफल किया जा सके।
गौरतलब है कि 26 नवंबर साल 2008 में पाकिस्तान के 10 आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए थे और 10 आतंकियों ने 57 घंटों तक मुंबई में आतंक मचाया। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। हमले के बाद 10 में से 9 आतंकी मारे गए थे और एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे साल 2012 में पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटकाया गया था। हमले के बाद से ही समुद्र की चौकसी पर सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर है।
ऐसे होगी निगरानी
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि नौकाओं की निगरानी के लिए 20 मीटर से अधिक लंबी नौकाओं पर स्वचालित पहचान प्रणाली लगायी जाएगी, जबकि गहरे समुद्र और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर आसानी से निगरानी के लिए तटीय राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश नौकाओं पर कलर कोडिंग कर रहे हैं। इस सुरक्षा चक्र को अंतिम रूप देने के लिए अब तक 46 कोस्टल रडार लगाए जा चुके हैं, जबकि 235 गश्ती नौका राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी जा चुकी हैं। वहीं 131 तटीय पुलिस स्टेशनों को मंजूरी मिल चुकी है।
मछुआरों का पहचान पत्र रजिस्टर्ड
मुंबई हमले के बाद से ही सरकार ने तटीय सुरक्षा काफी कड़ी कर दी है। इसके तहत अब तक 19.74 लाख मछुआरओं का बायोमैट्रिक पहचान पत्र के लिए रजिस्ट्रेशन हो चुका है, जिनमें से 18.60 लाख को पहचान पत्र दिया जा चुका है।
Created On :   25 Nov 2017 6:58 AM GMT