कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर केंद्र ने दिए राज्यों को सख्त निर्देश

Corona is again intimidating, strict instructions to the states
कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर केंद्र ने दिए राज्यों को सख्त निर्देश
कोविड-19 कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर केंद्र ने दिए राज्यों को सख्त निर्देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  देश में गुलाबी ठंड के साथ ही त्योहारों का मौसम भी शुरू हो गया है। लोगों ने दीपावली के स्वागत की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इन सबके बीच एक बार फिर कोराना का खतरा मंडराने लगा है। यह खतरा सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया पर मंडराने लगा है। ऐसे में सावधानी के साथ सुरक्षा नहीं बरती गई तो हालात भयावह हो सकते हैं। कोरोना की दो लहरों के जाने के बाद देश अब तक तीसरी लहर से बचा हुआ है। बचा भी इसलिए है कि भारत में टीकाकरण तेजी से हो रहा है। किंतु दुनिया भर से आ रहीं कोरोना की खबरों ने एक बार फिर लोगों के अंदर डर को जगा दिया है। लोग डरें भी क्यों नहीं क्योंकि चीन, रूस समेत यूरोप के कई देशों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में शायद ही कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक हो। उनका मानना है कि टीकाकरण अभियान ने कोरोना की कमर तोड़ दी है और भारत की बड़ी जनसंख्या पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुकी है।

चीन में बढ़ता कोरोना दुनिया के लिए खतरे की घंटी

लेकिन इसके इतर दुनिया के बड़े देश चीन को देखें तो वहां की स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। चीन के उत्तरी और पश्चिमी जिलो में कोरोना भयावह होता जा रहा है। वहां हवाई सेवाओं को रद्द कर दिया गया है। जिन जगहों पर कोरोना का संक्रमण ज्यादा है वहां के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। लोगों को घरों के अंदर कैद कर दिया गया है। पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया है। तेजी से मास टेस्टिंग चल रही है। चीन के बहुत से स्थानों पर तो लॉकडाउन लगा दिया गया है और बहुत सी जगहों पर लॉकडाउन लगाने की तैयारी चल रही है। लेकिन चीन में अभी की वास्तविक स्थिति क्या है दुनिया अभी भी इससे अंजान है क्योंकि चीन ने अपनी आदत के अनुसार कभी भी सच नहीं बोला है। वह न तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को कुछ बताता है और न ही एजेंसियों को अपने यहां सर्वे करने देता है। चीन में इस समय कोरोना का कौन सा वैरियंट तेजी से फैला रहा है इसका दुनिया को पता नहीं है। चीन के झूठ के चलते दुनिया हमेंशा खतरे में पड़ी है।

टीकाकरण में लापरवाही रूस और यूरोपीय देशों को पड़ेगी भारी

पिछली सर्दियों की तरह ही इस सर्दी के मौसम में यूरोपीय देशों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। पश्चिमी यूरोप के बनिस्वत पूर्वी यूरोप और रूस में कोरोना मामलों में इजाफा हो रहा है। इन सबका कारण है यहां टीकाकरण अभियान को सही से लागू न करना। पश्चिमी यूरोप में तो टीकाकरण ठीक रहा लेकिन पूर्वी यूरोप में टीकाकरण अभियान की गति धीमी रही। जिसका नतीजा ये है कि वहां कोरोना संक्रमण मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का भी मानना है कि तीन कारणों से यूरोप में कोरोना तेजी से फैला रहा है। पहला कारण है कोरोना पाबंदियों में ज्यादा ढील देकर खतरा मोल ले लिया है, दूसरा कारण है कोरोना के नित्य नए वेरिएंट आ रहे हैं और तीसरा कारण है सर्दियों में लोगों का घरों के अंदर कैद हो जाना।

बेल्जियम में बढ़ा संक्रमण

यूरोपीय देश बेज्लियम में दस हजार लोगों की जांच में 325 लोगों में कोरोना वायरस मिला है। वहा के स्वास्थ मंत्री फ्रैंक वांडरब्रुक ने तो स्वीकार कर लिया है कि बेल्जियम कोरोना की चौथी लहर को फेस कर रहा है।

यूक्रेन की भी स्थिति खराब

यूक्रेन भी कोरोना की चपेट में है। यहां कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से अमेरिका ने यूक्रेन को सबसे ज्यादा जोखिम वाले देशों की लिस्ट में डाल दिया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने यूक्रेन को लेवल 3 से अलग कर लेवल 4 में डाल दिया है।

धीमे टीकाकरण के कारण रूस की परेशानी बढ़ी

रूस भी कोरोना के कारण भयावह स्थिति का सामना कर रहा है। पिछले दिनों ही मॉस्को में 10 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बावजूद यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। बीते बुधवार को यहां 1028 लोग कोरोना के कारण काल के गाल में समा गए। इन सबके बीच रूस के राष्ट्रपति पुतिन आगे आए और उनको कहना पड़ा कि यहां की इतनी पढ़ी लिखी आबादी वैक्सीन क्यों नहीं लगवाना चाहती है? रूसी राष्ट्रपति लगातार लोगों से टीका लगवाने की अपील कर रहे हैं। रूस में अब तक 2 लाख 30 हजार लोग कोरोना के कारण मौत की गर्त में जा चुके हैं।

नए वेरिएंट से भारत की चिंता बढ़ी

भारत के लिए इस समय कोरोना का नया वेरिएंट एवाय-4.2 चिंता का सबब बना हुआ है। ब्रिटेन में इसी वेरिएंट ने तबाही खड़ी कर रखी है। अब यह नया वेरिएंट भारत आ चुका है। अब तो जो भी रिसर्च इस वेरिएंट को लेकर हुई हैं उसके आधार पर इसे बहुत ही खतरनाक माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का भी कहना है कि नया वेरिएंट मूल डेल्टा वेरिएंट से से 10 गुना ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। यह म्यूटेशन इंसानी कोशिकाओं को बहुत तेजी से सक्रमित करता है। फिलहाल भारत में इस वेरिएंट के 0.1 प्रतिशत से भी कम मामले हैं। दूसरी ओर आर-1 वेरिएंट को भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। इस वेरियंट के बारे में तो यह भी कहा गया था कि यह वैक्सीन की प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से ध्वस्त करने का माद्दा रखता है।

भारत में बढ़ा कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा

त्योहारी मौसम शुरू होते ही देश में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या का भी ग्राफ बढ़ने लगा है। ऐसे में हमें अत्याधिक सावधानी के साथ त्योहारों का सेलिब्रेट करना चाहिए नहीं तो हालात बिगड़ते देर नहीं लगेगी। भारत में पिछले कुछ दिनों से कोरोना से मौतों की संख्या बढ़ने लगी है। आज 733 लोग की मौत का आंकड़ा आया है। इससे एक दिन पहले 585 लोग मौत के मुंह में समा गए। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 16 हजार से अधिक कोरोना मामले सामने आए हैं। पिछले हफ्ते के मौतों के आंकड़े डराने लगे हैं इसमें 61 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 11 से 17 अक्टूबर के बीच 1507 लोगों की मौतें, 18 से 24 अक्टूबर के बीच यह बढ़कर 2422 हो गई हैं। इसके अगले दो दिन देश में 500 से अधिक मौतें क्यो आने वाले खतरे की चेतावनी नहीं दे रही हैं?

18 से 24 अक्टूर के बीच कोरोना से मौतों के मामले में केरल पहले स्थान पर रहा वहीं 168 लोगों की मौत के मामले में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर बना हुआ है। डेथ रेट के मामले में पंजाब अव्वल बना हुआ है। यहां 27 फीसदी की गति से कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई है। उत्तराखंड डेट रेट के मामले में दूसरे, महाराष्ट्र और नागालैंड तीसरे पायदान पर है। देश के 27 राज्य ऐसे हैं जहां डेथ रेट 1 फीसदी से ज्यादा है।

इन राज्यों में है कोरोना के अधिक मामले

आंकड़ों को देखें तो पिछले हफ्ते कुल 1.08 लाख करोना संक्रमितों में केरल के 54,334 लोग, 7841 महाराष्ट्र के, 6,230, तमिलनाडु के, 5925 पश्चिम बंगाल के, 2527 कर्नाटक के हैं। वर्तमान में हर 10 लाख की जनसंख्या में 78 लोग कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं। 1.2 फीसदी टेस्ट पॉजिटिविटी रेट है। अभी तक 60 करोड़ से अधिक लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है।

कर्नाटक ने बच्चों की चिंता बढ़ाई

इस बीच कर्नाटक ने देश भर के स्कूली बच्चों को डरा दिया है। कर्नाटक के मदिकेरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में कोरोना विस्फोट का मामला आया है। यहां के स्कूल में पढ़ने वाले 33 छात्र कोरोना संक्रमित निकले हैं। यह मामला तब आया है जब देश के अधिकांश राज्यों में स्कूल-कॉलेज ओपन हो चुके हैं। यहां 270 में से 33 छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए हैं बाकी के छात्रों को आइसोलेट कर दिया गया है।

भोपाल-इंदौर में भी कोरोना मामले बढ़े

प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर में कोरोना फिर पैर पसारने लगा है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में कोरोना के 20 नए मामले सामने आए हैं जिनमें भोपाल और इंदौर को मिलाकर 19 मामले हैं। एक तरफ प्रदेश डेंगू की गिरफ्त में है ओर दूसरी ओर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोगों की चिंता बढ़ गई है। भोपाल में जहां 11 कोरोना संक्रमित मिले तो इंदौर में आठ नए कोराना के मामले मिले हैं।

केंद्र ने जारी किए दिशा-निर्देश

देश में इस समय त्योहारों की तैयारियां चल रही हैं। लोग बिना मास्क के जमकर बाजारों, शॉपिंग माल में खरीदारी करने जा रहे हैं। सोशल डिस्टेसिंग को तो भूल ही गए हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सख्त निर्देश देकर कोरोना प्रोटोकॉल को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया। सरकार ने कहा है कि यदि राज्य सरकारों ने कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों को सख्ती से लागू नहीं किया तो यह लापरवाही आगे चलकर महंगी पड़ सकती है। 

कोरोना दिशा निर्देशों में कहा गया है कि उन प्रोगामों में विशेश सतर्कता रखी जानी चाहिए जिसमें लोग अधिक संख्या में सम्मिलत हो रहे हैं। ताकि कोरोना मामले बढ़ने की संभावना से बचा जा सके। केंद्र ने राज्यों से कहा है कि प्रत्येक जिले में कोरोना संक्रमण दर, अस्पताल की स्थित, आईसीयू में बेडों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। केंद्र ने ये भी कहा है कि जिलों में कोरोना मामलों की संख्या अधिक है तो वहां तुरंत सक्रिय उपाय करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसी के साथ सरकार ने सभी राज्यों से ‘टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीनेट’ और कोविड उपयुक्त व्यवहार की पांच सूत्री रणनीति पर भी जोर देने को कहा है।

सतर्कता और सावधानी से मनाएं त्योहार

सिर्फ सरकार ही नहीं हमें भी अपने और अपने परिवार के बचाव के लिए बदलना होगा।  हमें एक जिम्मेदार नागरिक की तरह त्योहारों को मनाना है न कि लापरवाह बनकर। हमें मास्क तो पहनना ही पड़ेगा साथ ही सोशल डिस्टेसिंग को भी अपने जीवन चक्र में उतारना होगा रही बात सैनिटाइजर के उपयोग की तो हमेंशा साथ में रखकर चलें और इस्तेमाल करते रहे। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जानें से बचें। ताकि हमारी वजह से हमारे परिवार के किसी सदस्य को यह सब नहीं झेलना पड़े। हमें दीपावली पर देवी लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी करनी चाहिए न कि कोरोना की।
 

 

 

Created On :   28 Oct 2021 2:29 PM GMT

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