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JNU हिंसा : क्राइम ब्रांच को मिले अहम सुराग, जांच में तेजी लाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग पैनल का भी गठन
हाईलाइट
- जेएनयू हिंसा मामले में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं
- जांच में तेजी लाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग पैनल का भी गठन किया गया है
- पुलिस सभी सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हिंसा मामले में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। जांच में तेजी लाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग पैनल का भी गठन किया गया है। पुलिस सभी सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।
केस अब क्राइम ब्रांच के पास
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि जेएनयू हिंसा मामले में कहा कि दो गुटों में झगड़ा हुआ था लेकिन हालात काबू में है। उन्होंने कहा कि ये केस अब क्राइम ब्रांच के पास है। दिल्ली पुलिस ज्वाइंट सीपी वेसर्टन रेंज शालिनी सिंह फैक्ट फाइंट कमेटी की हेड हैं। रंधावा ने कहा हम कोशिश कर रहे हैं कि मामला जल्दी सुलझ जाए। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज की गई है। 34 लोग घायल हुए हैं जिन्हें उपचार के बाद एम्स के ट्रामा सेंटर से छुट्टी दे दी गई है।
पुलिस ने पीसीआर कॉल पर कार्रवाई की
जेएनयू में देर से पहुंचने के आरोपों पर रंधावा कहा कि पुलिस ने पीसीआर कॉल पर कार्रवाई की और कानून व्यवस्था को पेशेवर ढंग से बरकरार रखा। उन्होंने कहा, कल 5 बजे के करीब दिल्ली पुलिस को जेएनयू में झगड़े की कॉल मिली थी। इस कॉल में बताया गया था कि होस्टल के बाहर कुछ स्टूडेंट्स झगड़ रहे हैं। कॉल मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई।
पुलिस की तैनाती केवल एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में
रंधावा ने कहा कि आम तौर पर, पुलिस की तैनाती केवल एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में होती है और हाथापाई उससे दूर हुई। शाम 07.45 बजे के करीब हमें जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से आग्रह किया गया। तब हमलोग यूनिवर्सिटी के अंदर घुसे और फ्लैग मार्च किया। उन्होंने कहा, लोकल पुलिस और क्राइम ब्रांच ने आज भी मौके का मुआयना किया। कैसे बाहर के लोग अंदर गए, इसकी जांच हो रही है। इससे जुड़ा मेटीरियल भी सीज हुआ है।
डंडों और रॉड से लैस नकाबपोशों ने किया था हमला
बता दें कि जेएनयू में रविवार को डंडों और रॉड से लैस नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था। परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) की अध्यक्ष समेत करीब 35 लोग घायल हो गए थे। छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले के बाद सोमवार को यूनिवर्सिट के गेट के बाहर करीब 700 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।