दिल्ली हाईकोर्ट ने टेलीग्राम से दैनिक जागरण का ई-पेपर शेयर करने वालों की पहचान बताने को कहा
- दिल्ली हाईकोर्ट ने टेलीग्राम से दैनिक जागरण का ई-पेपर शेयर करने वालों की पहचान बताने को कहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन टेलीग्राम को अपने 2020 के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया है, जिसमें दैनिक जागरण समाचार पत्र के ई-पेपर (पीडीएफ)- जिसे सब्सक्रिप्शन के बाद ही एक्सेस किया जा सकता है- को अनधिकृत रूप से अपलोड करने और साझा करने में शामिल उपयोगकर्ताओं की बेसिक सब्सक्राइबर जानकारी का खुलासा करने के लिए कहा गया है।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने इस बात पर ध्यान दिया कि टेलीग्राम द्वारा उपयोगकर्ताओं की पहचान के प्रकटीकरण से संबंधित मुद्दा अब लंबित नहीं है और इसे नीतू सिंह और अन्य बनाम टेलीग्राम एफजेड एलएलसी और अन्य मामले में एक समन्वय पीठ द्वारा सुलझा लिया गया है।
जस्टिस चावला ने आदेश में कहा- उपरोक्त के मद्देनजर, प्रतिवादी नंबर 1 आज से तीन सप्ताह की अवधि के भीतर इस न्यायालय द्वारा जारी आदेश दिनांक 29.05.2020 के निर्देश का पालन करेगा। प्रतिवादी नंबर 1 द्वारा मुहरबंद लिफाफे में जानकारी का खुलासा किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति चावला ने 23 नवंबर को अपने आदेश में कहा, जानकारी पर विचार करने पर, अदालत इस बात पर विचार करेगी कि क्या सुनवाई की अगली तारीख पर कोई और निर्देश पारित करने की आवश्यकता है। मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च, 2023 को होगी।
दिसंबर 2020 में जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने एक आवेदन दायर किया था जिसमें कहा गया था कि टेलीग्राम ने निर्देश का पालन नहीं किया है। यह एक मीडिया समूह है जो हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण का मालिक है। जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने 2020 में यह कहते हुए मुकदमा दायर किया कि उसका ई-पेपर, जिसे सदस्यता के बाद ही एक्सेस किया जा सकता है, टेलीग्राम पर विभिन्न चैनलों पर पीडीएफ में मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसने तर्क दिया कि टेलीग्राम इस आधार पर अपने दायित्व से बच नहीं सकता है कि यह एक मध्यस्थ है।
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Created On :   26 Nov 2022 8:30 PM IST