DEW: लेजर वाले हथियार बनाने में जुटा DRDO, भविष्य के वॉर की तैयारी
- 100 किलोवाट क्षमता तक के DEWs डेवलप किए जाने की कोशिश
- DRDO कर रहा हाइ एनर्जी लेजर और हाइ पावर माइक्रोवेव्स पर आधारित हथियारों का निर्माण
- क्या भविष्य के युद्ध स्टार वॉर जैसी फिल्मों में दिखाए जाने वाले युद्धों की तरह होंगे?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या भविष्य के युद्ध स्टार वॉर जैसी फिल्मों में दिखाए जाने वाले युद्धों की तरह होंगे? डीआरडीओ यानी डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन, हाइ एनर्जी लेजर और हाइ पावर माइक्रोवेव्स पर आधारित हथियारों का निर्माण कर रहा है। इसे डायरेक्टिड एनर्जी वेपन (DEW) कहा जाता है। DRDO के हथियार बनाने के इस नेशनल प्लान में शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए लक्ष्य तय किए जाएंगे। कोशिश होगी कि घरेलू इंडस्ट्री के साथ मिलकर 100 किलोवाट क्षमता तक के DEWs डेवलप किए जा सकें।
DRDO ने दो एंटी-ड्रोन DEW सिस्टम विकसित किए
DRDO ने अब तक दो एंटी-ड्रोन DEW सिस्टम विकसित किए हैं, जिनका इंडस्ट्री की मदद से बड़ी संख्या में उत्पादन किया जाएगा। इनमें से एक ट्रेलर-माउंटेड DEW है, जिसमें 10 किलोवाट लेजर 2-किलोमीटर की की रेंज में एरियल टारगेट को एंगेज कर सकता है। दूसरा एक कॉम्पैक्ट ट्राइपॉड-माउंटेड है जिसमें 2 किलोवाट लेजर 1-किमी रेंज में टारेगट को एंगेज कर सकता है। इन दोनों हथियारों को सेना के अधिकारियों, खुफिया एजेंसियों के सामने प्रदर्शित किया जा चुका है। इनकी मदद से माइक्रो ड्रोन्स को जैम करने के अलावा उनके इलेक्ट्रॉनिक्स को भी डैमेज किया जा सकता है।
यूएस, रूस, चीन, जर्मनी, इजरायल की तुलना में अभी बेहद मामूली
ये स्वदेशी हथियार यूएस, रूस, चीन, जर्मनी, इजरायल की तुलना में अभी बेहद मामूली हैं, लेकिन भारत की भविष्य की जरूरत को देखते हुए डीआरडीओ ने अगले 10 साल का प्लान तैयार किया है। पहले फेज में ऐसे हथियारों की रेंज को 6-8 किलोमीटर, फिर दूसरे फेज में 20 किलोमीटर तक बढ़ाने की तैयारी है। अमेरिका ने कई साल पहले एक जंगी जहाज से 33 किलोवाट लेजर के जरिए ड्रोन्स को टारगेट किया था। अमेरिका अगले चार-पांच साल में 300 से 500 किलोवाट के DEWs तैनात कर सकता है जो क्रूज मिसाइलों को उड़ाने में सक्षम होंगे।
Created On :   14 Sept 2020 2:47 PM IST