कृषि शिक्षा में रोजगारमूलक पाठ्यक्रम शामिल किए जाएं : मप्र राज्यपाल
भोपाल, 6 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कृषि शिक्षा में रोजगार मूलक पाठ्यक्रमों को शामिल किए जाने पर जोर दिया है।
राज्यपाल ने गुरुवार को राजभवन में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपतियों के साथ कृषि विकास एवं विस्तार और कृषि से होने वाली आमदनी को बढ़ाने के संबंध में विस्तार से चर्चा की।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, टंडन ने कुलपतियों की बैठक में कहा कि अन्य राज्यों की फसलों को मध्यप्रदेश में वैज्ञानिक पद्धति से उत्पादित करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय पहल करें। अपने प्रचलित पाठ्यक्रमों के अलावा अन्य रोजगारमूलक पाठ्यक्रम भी शुरू करें।
राज्यपाल ने कहा, हमारा देश कृषि प्रधान है। मध्यप्रदेश विभिन्न फसलों के उत्पादन में पहले स्थान पर है। अब हमें मल्टी क्रप पद्धति को अपनाते हुए खेती करनी चाहिए क्योंकि लगातार एक ही फसल बोये जाने से उत्पादन और मूल्यों में गिरावट आती है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। विभिन्न फसलों के उत्पादन से एक उपज में हानि होने से अन्य उपज से भरपाई संभव है।
राज्यपाल टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय को अध्ययन और शोध के द्वारा निर्धारित करना चाहिए कि कितने प्रतिशत स्थान में कौन-सी फसल बोई जाए। साथ ही वैज्ञानिक पद्घति से खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित भी करना चाहिए। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को समय-समय पर किसानों से विचार विमर्श करना चाहिए, जिससे वैज्ञानिक और पारंपरिक खेती के बीच तालमेल बन सके। उन्होंने जैविक खेती, जीरो बजट खेती और बागवानी के द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाने और कृषि विश्वविद्यालय में नवाचार करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने किसानों को गोबर, गोमूत्र, बेसन और गुड़ से बनने वाली जीवामृत खाद का उपयोग करने की सलाह देने की जरूरत बताई।
-- आईएएनएस
Created On :   7 Nov 2019 10:30 PM IST