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- Let's know about India's first anti-terror robot, which destroyed the plans of terrorists in Karnal.
हरियाणा: आइए जानते हैं भारत के पहले एंटी टेरर रोबोट के बारे में, जिसने करनाल में आतंकवादियों कें मंसूबों पर पानी फेरा

हाईलाइट
- रोबोट DRDO यानि भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान ने बनाया है
डिजिटल डेस्क, करनाल। हरियाणा के करनाल में पुलिस ने आज चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। इनकी कार से हथियार और विस्फोटक बरामद हुए। इससे पहले कार में विस्फोटक होने की आशंका में बमनिरोधक दस्ता बुलाया गया तो इस दस्ते में शामिल था देश का पहला एंटी टेरर रोबोट ‘दक्ष’। इस रोबोट की वजह से पुलिस को बम खोजने और डिफ्यूज करने में आसानी हुई।
आतंकवादियों या नक्सलियों द्वारा अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जगह-जगह बम या विस्फोटक प्लांट किये जाते हैं। जिसे नष्ट या डिफ्यूज करते समय कभी-कभी ब्लास्ट भी हो जाता है जिससे बम निरोधक दस्ते के जवान घायल या शहीद हो जाते हैं। जान-माल के इस नुकसान से बचने के लिए दुनिया के कई देश अब रोबोटिक आर्मी बना रहे हैं। सेना और पुलिस फोर्स में ऐसे ऑपरेशन के लिए अब सैनिकों के स्थान रोबोट को प्राथमिकता दी जा रही है।
भारत में भी ऐसा ही एक ही रोबोट DRDO यानि भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान ने बनाया है जिसका नाम है दक्ष।
आइए जानते हैं दक्ष के बारे में सबकुछ
• दक्ष बिजली से चलने वाला और दूर तक नियंत्रित होने वाला रोबोट है। यह रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल है जो रिमोट के माध्यम से दूर तक नियंत्रित होता है, जिससे ब्लास्ट होने की कंडीशन में जानमाल का नुकसान न हो।
• इसे 500 मी. तक कंट्रोल किया जा सकता है साथ ही एक बार चार्ज में यह लगातार 3 घंटे कार्य करता है।
• इसमें एक बंदूक लगी होती हैं जो बंद दरवाजों तोड़ने का काम करती है साथ ही इसमें लगा स्कैनर, विस्फोटक की पहचान करने के लिए कार की स्केनिंग कर सकता है।
• इसमें खांचेदार पहिये दिए होते हैं जिसकी सहायता से यह सीढ़ियों पर भी चढ़ सकता है।
• इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी शील्ड लगी होती है जो सिग्नल को जैम करके ब्लास्ट होने से रोक सकती है।
• रेडियोलॉजिकल, बायोलॉजिकल और केमिकल हथियारों को डिफ्यूज कर सकता है।
• इसमें लगे रोबोटिक हाथों की वजह से यह किसी भी चीज को उठा सकता है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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