प्रवासियों पर राष्ट्रीय नीति की जरूरत : अशोक चव्हाण (आईएएनएस साक्षात्कार)

National Policy on Migrants Needed: Ashok Chavan (IANS Interview)
प्रवासियों पर राष्ट्रीय नीति की जरूरत : अशोक चव्हाण (आईएएनएस साक्षात्कार)
प्रवासियों पर राष्ट्रीय नीति की जरूरत : अशोक चव्हाण (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 14 मई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व मौजूदा ठाकरे सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने प्रवासियों पर राष्ट्रीय नीत की जरूरत पर जोर दिया है।

चव्हाण ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत करते हुए कई ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखी। केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज, प्रवासी संकट और राज्य में कोविड-19 संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों और उससे हुई मौतों के सर्वाधिक मामलों पर भी उन्होंने खुलकर बात की।

साक्षात्कार के कुछ महत्वपूर्ण अंश :

प्रश्न : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित वित्तीय पैकेज से आपका राज्य किस तरह लाभान्वित होने जा रहा है?

उत्तर : जमीनी स्तर पर राज्य को इससे क्या लाभ होगा, इसका सही तरीके से विश्लेषण करना आवश्यक है। मैं एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र के लिए घोषित किए गए वित्तीय पैकेज का स्वागत करूंगा, लेकिन राज्य में इसके प्रभाव का विश्लेषण किया जाना बाकी है।

प्रश्न : प्रवासी संकट के बारे में आप क्या सोचते हैं?

उत्तर : लाखों लोग सड़कों पर हैं, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के प्रवासियों की ओर से रेलवे को 100 प्रतिशत किराया जमा किया है। इनके लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अनुमति दी गई है।

उन्होंने आगे कहा, हमारी पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी जी ने कहा है कि (श्रमिकों की घरवापसी का) किराया लागत कांग्रेस वहन करेगी, लेकिन इसे एक संगठित तरीके से किया जाना चाहिए। लोग सड़क पर हैं और उनके पास भोजन खरीदने के लिए पैसा नहीं है, इसलिए एक सूक्ष्म प्रबंधन की आवश्यकता है। हमें चाहिए कि हम प्रवासियों के दर्द को कम करने के लिए एक रणनीति तैयार करें।

प्रश्न : क्या महाराष्ट्र सरकार प्रवासी संकट को संभालने में विफल रही है?

उत्तर : नहीं, (राज्य) सरकार प्रवासियों के लिए हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार ने प्रवासी संकट से निपटने में हमारा साथ नहीं देकर हमें बीच मझधार में छोड़ दिया है।

उन्होंने आगे कहा, यदि केंद्र, राज्य सरकार का समर्थन करता है, तो बहुत कुछ किया जा सकता है। राज्य सरकार ने खाना देने के साथ ही अन्य कार्य किए हैं, यहां तक कि गैर-सरकारी संगठनों की मदद भी ली जा रही है। लेकिन लोगों की संख्या अधिक है और केंद्र सरकार के सहयोग के बिना इसे कर पना मुश्किल है।

प्रश्न : महाराष्ट्र में स्थिति इतनी खराब क्यों है और राज्य में कोरोनावायरस महामारी के प्रबंधन की क्या स्थिति है?

उत्तर : महाराष्ट्र में मामले अधिक हैं, क्योंकि यहां टेस्ट अधिक हो रहे हैं। हमने टेस्टिंग को लेकर सुविधाओं में सुधार किया है। इसके लिए अधिक प्रयोगशालाएं और अस्पताल हैं। इसलिए इतने मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन देश के अन्य राज्यों की तुलना में सामने आए कुल मामलों में से एक तिहाई मामले महाराष्ट्र से ही हैं और मुंबई में स्थिति बेहद खराब है।

उन्होंने आगे कहा, हमने पीडब्ल्यूडी, स्कूलों और राज्य सरकार की खाली संपत्तियों को अपने नियंत्रिण में ले लिया है और विकट स्थिति पैदा होने पर इन्हें क्वारंटाइन सेंटर में बदलने का हमने खाका भी तैयार कर लिया है।

Created On :   14 May 2020 3:31 PM IST

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