पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में किया रावण दहन, राष्ट्रपति भी हुए शामिल
- पीएम मोदी ने रावण के पुतले को प्रतीकात्मक तीर मारा।
- बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार दशहरा देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है।
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला मैदान में हो रहे समारोह में शामिल हुए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार दशहरा देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला मैदान में हो रहे समारोह में शामिल हुए। परंपरा के मुताबिक पीएम मोदी ने, भगवान श्री राम और माता सीता, लक्ष्मण और पवन पुत्र हनुमान की आरती की। इसके बाद पीएम ने रावण के पुतले को प्रतीकात्मक तीर मारा। पीएम मोदी ने विजयदशमी के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। बता दें कि लालकिला के सामने स्थित रामलीला मैदान में रावण दहन की परंपरा साल 1924 से चली आ रही है।
#WATCH: President Kovind PM Modi at Dussehra celebrations in Delhi https://t.co/InQNdFOy4Q
— ANI (@ANI) October 19, 2018
लवकुश रामलीला कमेटी इस कार्यक्रम का आयोजन करता है। रावण दहन के कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह भी शामिल हुए। कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने रामलीला के पात्रों का तिलक किया। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीर छोड़कर रावण का पुतला दहन किया। राष्ट्रपति ने पुतला दहन से पहले अपने संबोधन में सभी देशवासियों को दशहरा की बधाई दी। उन्होंने कहा किअनैतिक कार्यों के कारण रावण का दहन होता है। विजयदशमी का पर्व नैतिकता और सदाचार की विजय का पर्व है और भगवान राम आज भी प्रासंगिक हैं। "दशहरा सदाचार और मर्यादापूर्ण व्यवहार की प्रेरणा देता है। रावण के पुतले के साथ अहंकार, आतंकवाद और अन्य बुराईयों का भी दहन करें।" मुख्य अतिथियों के सामने लव-कुश रामलीला कमिटी के कलाकारों ने संक्षिप्त प्रस्तुति भी दी।
बता दें कि विजयदशमी पर पूरे देश में बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का वध अलग-अलग ढंग से किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम ने 10 सिर वाले रावण का वध किया था, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है। साथ ही रावण वध को असत्य पर सत्य की विजय के तौर पर भी देखा जाता है। विजयदशमी के दिन देश के अलग-अलग जगहों पर रावण दहन किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन रावण के पुतले को जलाने के साथ ही समाज से बुराइयों का भी सफाया हो जाता है।
Created On :   19 Oct 2018 6:13 PM IST