सुप्रीम कोर्ट ने टीवी शो पर लगाई फटकार, कहा-भारत विविध संस्कृतियों वाला देश

Supreme Court rebuked TV show, said - India is a country of diverse cultures
सुप्रीम कोर्ट ने टीवी शो पर लगाई फटकार, कहा-भारत विविध संस्कृतियों वाला देश
सुप्रीम कोर्ट ने टीवी शो पर लगाई फटकार, कहा-भारत विविध संस्कृतियों वाला देश
हाईलाइट
  • सुप्रीम कोर्ट ने टीवी शो पर लगाई फटकार
  • कहा-भारत विविध संस्कृतियों वाला देश

नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि भारत विविधता भरी संस्कृतियों वाला देश है। मीडिया में स्व-नियंत्रण की व्यवस्था होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि टीवी पर बहस (डिबेट) के दौरान पत्रकारों को निष्पक्ष होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन टीवी के एक कार्यक्रम यूपीएससी जिहाद के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को यह सख्त टिप्पणी की। इस टीवी कार्यक्रम के प्रोमो में दावा किया गया था कि सरकारी सेवा में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की घुसपैठ की साजिश का पदार्फाश किया जा रहा है।

जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और के.एम. जोसेफ की एक पीठ ने याद दिलाया कि पत्रकार की स्वतंत्रता कोई परम सिद्धांत नहीं है। पीठ ने साथ ही यह भी कहा कि एक पत्रकार को किसी भी अन्य नागरिक की तरह ही स्वतंत्रता है और उन्हें अमेरिका की तरह कोई अलग से स्वतंत्रता नहीं है।

टीवी चैनल को फटकार लगाते हुए पीठ ने उसके वकील से कहा, आपका मुवक्किल यह स्वीकार नहीं कर रहा है कि भारत विविध संस्कृतियों वाला देश है। आपके मुवक्किल को सावधानी के साथ अपनी स्वतंत्रता का उपयोग करने की जरूरत है।

सुदर्शन टीवी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने दलील दी कि चैनल का कहना है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक खोजी कहानी है।

पीठ ने कहा, हमें उन पत्रकारों की जरूरत है, जो अपनी बहस में निष्पक्ष हैं।

पीठ ने कहा, कैसा उन्माद पैदा करने वाला यह कार्यक्रम है कि एक समुदाय प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश कर रहा है। पीठ ने कहा कि इस तरह के शो लोगों को अपने टीवी से दूर कर देते हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर मीडिया को इस बात का अहसास नहीं हुआ, तो वे बिजनेस से बाहर हो जाएंगे। अदालत ने कहा, अंत में आखिर गुणवत्ता ही मायने रखती है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पत्रकारों की स्वतंत्रता सर्वोच्च है और किसी भी लोकतंत्र के लिए प्रेस को नियंत्रित करना विनाशकारी होगा।

मामले की सुनवाई जारी रहेगी।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने टीवी शो पर पूर्व-प्रसारण प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया था और केंद्र को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि कार्यक्रम की सामग्री सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाली है।

एकेके/एसजीके

Created On :   15 Sept 2020 7:31 PM IST

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