पंचायत चुनाव में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट 10 मई को सुनाएगा फैसला
- ओबीसी वर्ग को 35 फीसदी आरक्षण देने की आयोग की तरफ से सिफारिश की गई
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने के मामले को लेकर विगत कई दिनों सियासत गरम है। इसी कड़ी में शुक्रवार को देश के सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। शीर्ष न्यायालय में राज्य सरकार ने कोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट रखी।
जिसमें ओबीसी वर्ग को 35 फीसदी आरक्षण देने की आयोग की तरफ से सिफारिश की गई है। इसके बाद कोर्ट ने अगले आदेश तक फैसला को सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट अब 10 मई को इस मामले पर अपना फैसला सुना सकता है। हालांकि, अब देखना होगा है कि शीर्ष अदालत ओबीसी आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाता है या नहीं।
कोर्ट ने जताई हैरानी
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई कर रहा कोर्ट ने मध्यप्रदेश में बीते दो साल से 23 हजार पंचायत सीटें खाली होने पर हैरानी जताई है। कोर्ट ने बीते गुरूवार को कहा कि कोर्ट ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होता है, तो ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराए जाएंगे।
शुक्रवार को जस्टिस अजय एम खानविलकर, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ को सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि ट्रिपल टेस्ट की कवायद पूरी कर ली गई है। उधर सरकार की तरफ से एक सप्ताह का समय और मांगा गया। जिसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि दो साल से राज्य में पंचायत चुनाव नहीं हुआ है। आप ने अब तक जरूरी कार्यवाही पूरी नहीं की फिर हम कैसे मान ले कि एक हफ्ते में आप सब निपटा लेंगे और हमें संतुष्ट कर सकेंगे।
Created On :   6 May 2022 5:43 PM IST