निर्वासित तिब्बत प्रशासन ने चीन पर कार्रवाई के आह्वान का समर्थन किया

The exiled Tibet administration supported calls for action on China
निर्वासित तिब्बत प्रशासन ने चीन पर कार्रवाई के आह्वान का समर्थन किया
निर्वासित तिब्बत प्रशासन ने चीन पर कार्रवाई के आह्वान का समर्थन किया

धर्मशाला, 29 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के विशेषज्ञों द्वारा चीनी मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ तत्काल कदम उठाने का सोमवार को समर्थन किया।

सीटीए ने एक बयान में अपने राष्ट्रपति लोबसांग सांगय के हवाले से कहा, हम यूएनएचआरसी और सदस्य देशों से चीन द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघनों का मूल्यांकन करने के लिए विशेष सत्र आयोजित करने और तिब्बत में मानवाधिकारों की स्थिति पर प्रतिवर्ष निगरानी, विश्लेषण और रिपोर्ट पेश करने के लिए यूएन स्पेशल रैपोरतेयोर आन चाइना के कंट्री मैंडेट की नियुक्ति का आग्रह करते हैं।

बयान में कहा गया है, हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होने और यह सुनिश्चित कराने का आग्रह करते हैं कि चीन अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत अपने दायित्वों को पूरा करें, जिसमें मानवाधिकार के दायित्व भी शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र के 30 विशेष प्रक्रिया जनादेश सें संबद्ध पचास स्वतंत्र विशेषज्ञों ने यूएनएचआरसी से चीन के मातहत इलाकों तिब्बत, हांगकांग और शिंजियांग सहित सभी क्षेत्रों में मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए एक विशेष सत्र बुलाने और एक रैपोरतेयोर को बनाने सहित सभी उचित निर्णायक उपाय करने के लिए विशेष अर्जेसी के साथ कार्य करने का आह्वान किया है।

सीटीए ने संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों को समय पर हस्तक्षेप के लिए धन्यवाद दिया और चीन सरकार के खिलाफ तत्काल निर्णायक उपायों के लिए उनके आह्वान का स्वागत किया।

यूएनएचआरसी ने 26 जून को कहा कि संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञों ने मौलिक स्वतंत्रता के दमन के बारे में चीन की सरकार के साथ बार-बार संपर्क किया है।

उन्होंने हांगकांग में विरोध और लोकतंत्र की आवाज उठाने वालों का दमन, पुलिस को अत्यधिक बल के उपयोग की खुली छूट, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ रासायनिक तत्वों के कथित इस्तेमाल, पुलिस थानों में महिला प्रदर्शनकारियों के कथित यौन उत्पीड़न और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के उत्पीड़न की निंदा की है।

स्वतंत्र विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन में मानवाधिकारों की स्थिति पर नए सिरे से ध्यान देने का समय है। विशेष रूप से हांगकांग के लोगों, शिंजियांग स्वायत्त क्षेत्र के अल्पसंख्यकों, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और देश भर में मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाने वालों के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों के संदर्भ में यह जरूरी हो गया है।

Created On :   29 Jun 2020 5:00 PM IST

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