झटके के साथ रूकी ट्रेन, एक के ऊपर एक गिरने लगे लोग, संभलने से पहले ही किसी का हाथ कटा, किसी के पैर- चश्मदीदों से जानिए हादसे का दर्दनाक सच

झटके के साथ रूकी ट्रेन, एक के ऊपर एक गिरने लगे लोग, संभलने से पहले ही किसी का हाथ कटा, किसी के पैर- चश्मदीदों से जानिए हादसे का दर्दनाक सच
  • ओडिशा में बड़ा ट्रेन हादसा
  • 280 लोगों की गई जान
  • पीएम मोदी घटना स्थल का करेंगे मुआयना

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। ओडिशा ट्रेन हादसे से पूरा देश सहम उठा है। अब तक इस हादसे में 280 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि, 900 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। ओडिशा के बालासोर जिले में भीषण ट्रेन हादसे को लेकर चश्मदीद अपने आंखों देखी और मौत को करीब से देखने वाले डरे हुए हैं। उन तमाम लोगों का कहना है कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हम बच पाएंगे।

ओडिशा के बालासोर जिले में बीते दिन शुक्रवार को करीब साढ़े सात बजे तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई थीं। जिसके बाद से इस इलाके और देश में हड़कंप मच गया। हादसे के तुरंत बाद ओडिशा की सरकार ने राहत और बचाव के लिए आपदा प्रबंधन को घटना स्थल पर भेजा तब से अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस हादसे को लेकर ट्रेन में मौजूद लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई है। जिसको सुन किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

झटके के बाद लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे- ट्रेन में सफर कर रहा यात्री

बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर मौके पर मौजूद एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि, हम यहां से 200 मीटर दूर मार्केट में थे, दुर्घटना की आवाज आई तो हम वहां पहुंचे और ट्रेन से कई लोगों को बाहर निकाला। इसके अलावा एक ही परिवार के तीन लोगों ने अपने इस सफर के बारे में कहा कि, "हम खड़गपुर से चेन्नई जा रहे थे। बालासोर के पास ही हमें एक झटका लगा और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। हमें समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है, हमें बचने की उम्मीद नहीं थी।"

परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल

बालासोर रेल हादसे में पश्चिम बंगाल के गंगारामपुर क्षेत्र के एक निवासी की मौत हुई है। जिसकी वजह से परिवार का रो- रोकर बुरा हाल है। इस हादसे में गई जान को लेकर गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि, हमारे यहां से दो लोग नितिन राय और चंदन राय कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे। हमें जब रेल दुर्घटना की खबर मिली तब हमने फोन किया, उस समय नितिन का फोन ऑन था। एक अन्य व्यक्ति ने फोन उठाकर बताया कि नितिन की दुर्घटनास्थल पर मृत्यु हो चुकी है। दुर्घटना के बाद से चंदन राय से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।


सिर से पिता का साया उठ गया-मृतक की मां

पश्चिम बंगाल के ही बालीघाट पुरवापारा ग्राम पंचायत क्षेत्र के धनगरा के एक निवासी की मृत्यु हो गई। मृतक की मां का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि, "मेरे बेटे की कल बालासोर रेल दुर्घटना में मृत्यु हो गई। वह चेन्नई जाने के लिए घर से निकला था। उसकी उम्र 26 साल थी, उसके दो बच्चे थे, उनके सिर से पिता का साया उठ गया।"

चश्मदीद ने क्या बताया?

बालासोर में दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन में यात्रा कर रहे एक और व्यक्ति ने बताया," मैं एस-1 डिब्बे में था। बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, गाड़ी पूरी उलट गई थी। मैं बिहार का रहने वाला हूं और चेन्नई जा रहा था। मैं चेन्नई में एक कपड़ा दुकान में काम करता हूं।"

रक्तदान करने आए व्यक्ति ने अस्पताल की बताई सच्चाई

हादसे में घायलों को लेकर बालासोर भगवान के रूप में आए हैं। स्थानीय लोग भारी की संख्या में अस्पताल में पहुंच कर रक्तदान कर रहे हैं ताकि लोगों का सही तरह से उपचार हो सके। रक्तदान करने आए एक व्यक्ति ने कहा "लोगों की स्थिति बहुत नाजुक है, कई लोग ऐसे हैं जिनके पैर-हाथ नहीं है। मैंने रक्तदान कर दिया जिससे किसी की जान बच सके और वे अपने घर जा सके।"

Created On :   3 Jun 2023 9:02 AM GMT

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