डिजिटल पेमेंट करने वालों के लिए बड़ी खबर, RBI ने किया ये ऐलान
- RBI गाइडलाइंस का पालन करेंगे पेमेंट गेटवे
- आम ग्राहकों को मिलेगा सीधा लाभ
- गेटवे अपने काम के प्रति ज्यादा पारदर्शी होंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट करते समय कई लोग घबराते हैं, लेकिन यह काफी सरल उपाय है। हालांकि डिजिटल पेमेंट को और सुरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास कंपनियों और सरकार द्वारा किए जाते रहे हैं। हाल ही में रिजर्व बैंक (RBI) ने एक और बड़ा कदम उठाया है। RBI ने पेमेंट गेटवे प्रोवाइडर और पेमेंट एग्रीगेटर को रेगुलेट करने का प्रस्ताव दिया है। ऐसे में पेमेंट गेटवे जैसे पेटीएम, मोबिक्विक, भारत बिल अब RBI गाइडलाइंस का पालन करेंगे। इसका फायदा सीधा आम ग्राहकों को मिलेगा। दरअसल प्रस्ताव के तहत गेटवे अपने काम के प्रति ज्यादा पारदर्शी होंगे।
पेमेंट सर्विस
आपको बता दें कि RBI ने 30 मार्च 2017 को ई-वॉलेट पर एडवाइजरी के बारे में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि एग्रीगेटर्स और पेमेंट गेटवे जैसे इंटरमीडियरिज और पेमेंट गेटवे जो पेमेंटे सर्विस प्रदान करते हैं और सेंट्रल बैंक द्वारा अधिकृत नहीं हैं। विज्ञप्ति में कहा गया था कि उन्हें अपने लेनदेन को 24 नवंबर, 2009 के रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत एक नोडल बैंक के माध्यम से ट्रांजैक्शन होना चाहिए।
दिशानिर्देश
इस संबंध में जारी 2009 के दिशानिर्देशों में पेमेंट गेटवे प्रोवाइडर और पेमेंट एग्रीगेटर जैसे इंटरमीडियरिज के नोडल अकाउंट के रखरखाव के लिए कहा था। 2009 के दिशानिर्देशों के अनुसार, मर्चेंट द्वारा ग्राहकों से मध्यस्थों द्वारा पेमेंट के कलेक्शन की सुविधा वाले बैंकों द्वारा खोले गए और बनाए गए सभी खातों को बैंकों के आंतरिक खातों के रूप में माना जाएगा।
Created On :   7 Feb 2019 12:28 PM GMT