लाल किताब में लिखी इन बातों पर अमल करने से बदल सकते हैं अपना भाग्य

You Can Change Your Fate With These Things Written In The Lal Kitab
लाल किताब में लिखी इन बातों पर अमल करने से बदल सकते हैं अपना भाग्य
लाल किताब में लिखी इन बातों पर अमल करने से बदल सकते हैं अपना भाग्य

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ज्योतिषाचार्यों ने बहुत सी ऐसी विधाओं का आविष्कार या खोज की है जिनके माध्यम में हम भविष्य को भांपने का प्रयास कर सकते हैं। इन्हीं विधाओं में से एक है लाल किताब जिसके बारे में हम अकसर सुनते हैं लेकिन वास्तव में ये लाल किताब है क्या? ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं।

ज्योतिष और हस्तरेखा रेखा शास्त्र जैसे विषय पर 19वीं शताब्दी में लिखी गई किताब को लाल किताब कहा जाता है, यह पूर्णरूप से सामुद्रिक शास्त्र पर आधारित है। लाल किताब में जीवन यापन करने के लिए भी बहुत से तरीके बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर हम एक सुखद जीवन जी सकते हैं। इसके अतिरिक्त लाल किताब में धन संबंधी और जीवन के अनेक दुखों से मुक्ति होने के लिए भी उपाय बताए गए हैं जो सप्ताह के हर दिन से अलग-अलग प्रकार से जुड़े हुए हैं।

सोमवार का दिन भगवान चंद्र को समर्पित होता है:
लाल किताब के अनुसार अगर कोई चंद्रमा को प्रसन्न करना चाहता है तो उसे इस दिन खीर का भोजन करना चाहिए। यदि किसी की कुंडली में चंद्र का प्रभाव बहुत कम हो तो उसे इस दिन सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए।

मंगलवार का दिन मंगल को समर्पित होता है:
हनुमान को समर्पित इस दिन को गरीबों को मीठी रोटी और मसूर की दाल का दान करना बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।

बुधवार का दिन बुध को समर्पित होता है:
इस दिन बुद्धि की देवी की पूजा की जाती है। बुद्धवार के दिन साबुत मूंग बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। इस दिन साबुत मूंग की दाल गाय को खिलानी चाहिए।

गुरुवार का दिन ब्रहस्पति को समर्पित होता है:
इस दिन किसी ब्राह्मण को पीले वस्त्रों का दान करना और कढ़ी चावल का भोजन करना लाभकारी सिद्ध होता है।

शुक्रवार का दिन शुक्र को समर्पित होता है:
इस दिन असुरों के गुरु शुक्र को मीठा दान करना चाहिए। इस दिन दही जरूर खाना चाहिए।

शनिवार का दिन ज्योतिषशास्त्र में न्याय के देव शनि को समर्पित है: 
इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय जरूर करने चाहिए। काला वस्त्र दान करना या नामक वाली भोजन वस्तु का दान करना लाभकारी होता है। 

रविवार का दिन सूर्य भगवान को समर्पित होता है:
सौभाग्य की तलाश में भटक रहे लोगों को इस दिन गुड़ को नदी में प्रवाहित करने से लाभ प्राप्त होता है।

लालकिताब में ग्रहों की ज्योतिष विद्या के साथ-साथ सामुद्रिक विद्या एंव हस्त विद्या का भी समावेश है। यह विद्या मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एंव पंजाब के क्षेत्र में प्रचलित है, क्योंकि यह परम्पराओं और रीति-रिवाजों के रूप में चली आ रही थी, परन्तु लिखित रूप में ये 1940 ई. के आस-पास सामने आई। 

40 के दशक में देश में उर्दू भाषा का बोल-बाला था। इसलिए लाल किताब के पांचों भाग उर्दू भाषा में लिपिबद्ध किए गए थे। कुछ लोगों की ये गलत धारणा थी कि इस विद्या का सम्बन्ध अरब देश है, क्योंकि इसमें जिस प्रकार से गायत्री मन्त्र आदि हिन्दू, देवी-देवताओं आदि का वर्णन है, उससे यही सिद्ध होता है कि यह भारत की ज्योतिष विद्याओं में से एक है। 

Created On :   7 Dec 2018 8:54 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story