सौ करोड़ बहा दिए नहीं मिला पानी, 15 अधिकारी दोषी ,बुंदेलखंड पैकेज में भ्रष्टाचार

Corruption in bundelkhand package, 15 officials guilty
सौ करोड़ बहा दिए नहीं मिला पानी, 15 अधिकारी दोषी ,बुंदेलखंड पैकेज में भ्रष्टाचार
सौ करोड़ बहा दिए नहीं मिला पानी, 15 अधिकारी दोषी ,बुंदेलखंड पैकेज में भ्रष्टाचार

डिजिटल डेस्क,दमोह। केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने मप्र में बंदुेलखंड क्षेत्र के 6 जिलों के विकास के लिए 3700 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज दिया था। जिसके तहत 9 विभागों द्वारा अलग-अलग विकास कार्य कराए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा 6 जिलों में 100 करोड़ की लागत से 1287 नलजल योजनाएं तैयार की। इनमें से 997 योजनाएं शुरू ही नहीं हो पाईं।  सीटीई रिपोर्ट के बाद पीएचई ने बुंदेलखंड पैकेज से जुड़े 15 अफसरों पर आरोप तय कर दिए है।  पीएचई के प्रमुख अभियंता जीएस डामौर ने राज्य सरकार को 100 पेज की रिपोट भेज दी है। जिसमें 78 करोड़ रुपए की बर्बादी के लिए सीधे तौर पर अफसरों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने सरकार को भेजी रिपोर्ट में सागर संभाग के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री सी के सिंह समेत 6 जिलों के कार्यपालन यंत्रियों पर आरोप तय किए हैं। रिपोर्ट में उल्लेख है कि अफसरों ने बुंदेलखंड पैकेज के तहत योजनाएं तैयार करने में अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया। यही कारण है कि 1287 में से 997 नलजल योजनाएं पूर्णत: व्यर्थ रही।अफसरों ने न तो सामान की गुणवत्ता परखी, न भौतिक सत्यापन किया, न साइट निरीक्षण किया  न ही पाइप लाइन बिजली पंपों की गुणवत्ता परखी।अधिकारियों ने कार्यालय में बैठकर ही काम पूरा कर दिया। यदि अधिकारी  जिम्मेदारी निभाते तो बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्र की तस्वीर बदल गई होती।

ये अधिकारी हैं दोषी

प्रमुख अभियंता जीएस डामौर की रिपोर्ट के अनुसार सागर के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री सी के सिंह, कार्यपालन यंत्री  वी के अहिरवार और अजय जैन, दमोह के कार्यपालन यंत्री विजय सिंह चौहान, एनएस भिडे और एसएल अहिरवार, पन्ना के दिनकर मसूलकर और के पी वर्मा,  टीकमगढ़ के एन आर गोडिय़ा और महेन्द्र सिंह, छतरपुर के पी के गुरु, दतिया के एस सी कैलासिया, एस एल धुर्वे, हेमू कुवरे और जितेन्द्र मिश्रा को बुंदेलखंड पैकेज में नल जल योजनाओं में भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया गया है। ये अधिकारी पूर्व में वहां पदस्थ रह चुके हैं। 

छह मंत्री थे सरकार में

जिस समय घोटाला हुआ उस समय मप्र सरकार में बुंदेलखंड क्षेत्र के 6 मंत्री गोपाल भार्गव, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, हरिशंकर खटीक, जयंत मलैया, रामकृष्ण कुसमारिया, नरोत्तम मिश्रा  शासन के अभिन्न अंग थे। खास बात यह है कि बुंदेलखंड पैकेज की कमेटी के चेयरमैन मुख्यमंत्री एवं सदस्य मंत्री एवं अधिकारी थे।
 

Created On :   24 Aug 2019 9:30 AM GMT

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