बेहाल है जिला अस्पताल : एक्स-रे तो है पर नहीं मिलता प्रिंट

disorders in district hospital
बेहाल है जिला अस्पताल : एक्स-रे तो है पर नहीं मिलता प्रिंट
बेहाल है जिला अस्पताल : एक्स-रे तो है पर नहीं मिलता प्रिंट

डिजिटल डेस्क  डिण्डौरी। जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का आलम बना हुआ है। जहां न तो चिकित्सक समय पर पहुंच रहे है और न ही मरीजों का यथोचित इलाज हो पा रहा है। अस्पताल में व्याप्त असुविधाओं को लेकर लोगों ने कई बार कलेक्टर व मंत्रियों को भी ज्ञापन सौंपे है। हालात ऐसे है कि ऐसे पर पिछले 6 माह से अधिक समय से लोगों को एक्स-रे का प्रिंट नहीं मिल रहा है और डिजीटल कम्प्यूटराईज होने के बाद एक्स-रे सिर्फ चिकित्सक के द्वारा कम्प्यूटर पर ही देखा जाता है और वहीं से इलाज भी किया जाता है। जिसके बारे में मरीजों और उनके परिजनों को वस्तुत: स्थिति का पता नहीं चल पाता है। यहां प्रिंटर के खराब होने की जानकारी भोपाल मुख्यालय को भी भेजी जा चुकी है और वहां से दो बार इंजीनियर यहां पहुंचे है, लेकिन डिजीटल प्रिंटर को वे सुधार नहीं सके है। पार्टस न मिलने का बहाना करते हुए इंजीनियर भी यहां से निकल जाते है। ज्ञातव्य हो कि यहां प्रतिदिन अस्थि रोग की समस्या से ग्रसित लगभग 25-30 मरीज पहुंचते है। जहां सभी मरीजों के आर्थोपेडिक मामलों को कम्प्यूटर पर ही देखकर निराकृत कर दिया जाता है। यहां ऐसे भी अनेक मरीज आते है जिन्हें अस्पताल से रेफर करना पड़ता है, लेकिन वे भी बिना एक्स-रे प्रिंट के डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर रेफर हो जाते है। ऐसे हालातों में लोगों को खासी परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
300 बिस्तरों की मांग
एक ओर जिला चिकित्सालय में व्यवस्थाओं की कमी साफ झलकती है वहीं यहां बना ट्रामा यूनिट भी जिला चिकित्सालय के विपरीत दिशा में बना हुआ है। ऐसी स्थिति में चिकित्सकों को जिला चिकित्सालय और ट्रामा यूनिट तक आने-जाने में खासी परेशानी होती है। ज्ञातव्य हो कि जिले में चिकित्सकों की कमी लंबे समय से बनी हुई है और यहां पर जिन चिकित्सकों की पदस्थापना की जाती है वे भी यहां पर नहीं आना चाहते। इन सब हालातों के बावजूद भी 100 बिस्तरों वाले जिला चिकित्सालय को 300 बिस्तरों वाले चिकित्सालय में तब्दील किए जाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। वहीं इस मामले में पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी जिला चिकित्सालय के विस्तार की बात कही है। लोगों का कहना है कि अस्पताल का विस्तार का कोई औचित्य नहीं है। यहां व्यवस्थाएं बनाई जाए और अस्थि रोग सहित नेत्र, गायनिक, कार्डियक, ईएनटी, चाईल्ड स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की नियुक्तिकी जाए जिससे हालात में सुधार होगा।

 

Created On :   22 Sep 2017 10:46 AM GMT

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