केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट पर लगाया बैन, बनाना, बेचना सब अपराध

केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट पर लगाया बैन, बनाना, बेचना सब अपराध
हाईलाइट
  • 150 से अधिक फ्लेवर में आती है ई-सिगरेट
  • इससे जुड़े खतरे को देखते हुए इस पर बैन लगाने का फैसला लिया गया है
  • सरकार ने ई-सिगरेट की बिक्री
  • उत्पादन
  • आयात और वितरण पर बैन लगा दिया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ई-सिगरेट की बिक्री, उत्पादन, आयात और वितरण पर बैन लगाने का फैसला लिया है। ई-सिगरेट के प्रमोशन पर भी रोक लगाई गई है। हाल ही में इससे जुड़े खतरे को देखते हुए हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री ने इस पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की थी।

सीतारमण ने की घोषणा
इस फैसले की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "कैबिनेट ने ई-सिगरेट और इस तरह के अन्य उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ये उत्पाद स्वास्थय के लिए हानिकारक है।" उन्होंने कहा "रिपोर्ट्स बताती हैं कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें इसकी लत इसलिए लग गई हैं क्योंकि वह ई-सिगरेट को कूल मानते हैं।" वित्त मंत्री ने कहा कि "400 से अधिक ब्रांड हैं, जिनमें से कोई भी अभी तक भारत में निर्मित नहीं है और वे 150 से अधिक फ्लेवरों में आते हैं।"

नियम तोड़ने पर 5 लाख रुपए का जुर्माना
इससे पहले बीते अगस्त में ई-सिगरेट निषेध अध्यादेश, 2019 प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश के बाद एक जीओएम को भेजा गया था। अध्यादेश में हेल्थ मिनिस्ट्री ने पहली बार नियमों के उल्लंघन पर 1 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना का प्रस्ताव दिया है। वहीं एक से अधिक बार नियम तोड़ने पर मिनिस्ट्री ने 5 लाख रुपये जुर्माना और 3 साल तक जेल की सिफारिश की है।

क्या ई-सिगरेट धूम्रपान की तुलना में कम हानिकारक?
उधर, ई-सिगरेट का समर्थन करने वालों की दलील है कि यह धूम्रपान करने वाले तंबाकू की तुलना में कम हानिकारक है। हालांकि सरकार यह कहते हुए प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रही है कि उसमें पारंपरिक सिगरेट के समान ही जोखिम है।

ई-सिगरेट से हार्ट अटैक का खतरा 
एक रिपोर्ट के अनुसार ई सिगरेट की आदत से व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है. जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।

न्यूयॉर्क में भी लगाया गया बैन
इससे पहले यह कदम न्यूयॉर्क और मिशिगन भी उठा चुके हैं। न्यूयॉर्क के डोमेस्टिक गवर्नर ने बुधवार को टीनेजर्स और यूथ के बीच इस सिगरेट से बढ़ रही फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए ई-सिगरेट को पूरी तरह बैन कर दिया है। यूनाइटेड स्टेट में मिशिगन के बाद न्यूयॉर्क सिटी दूसरा ऐसा स्टेट है, जहां फ्लेवर्ड ई-सिगरेट पर बैन लगाया गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह बहुत जल्द ई-सिगरेट उत्पादों को प्रतिबंधित करने वाला है।

क्या होती है ई-सिगरेट?
ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इनहेलर होता है, जिसमें निकोटिन और अन्य हानिकारक केमिकल्स भरे जाते हैं। बैट्री की ऊर्जा इनहेलर में भरे लिक्विड को भाप में बदल देता है, जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा अहसास होता है।  कुछ ब्रांड्स ई-सिगरेट में फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद खतरनाक और कैंसरकारी तत्व हैं।

Created On :   18 Sep 2019 11:06 AM GMT

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