चार देशों के राजदूतों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रस्तुत किए अपने परिचय पत्र

चार देशों के राजदूतों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रस्तुत किए अपने परिचय पत्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में चार देशों के राजदूतों से परिचय पत्र स्वीकार किए। परिचय पत्र प्रस्तुत करने वाले देशों में मॉरिटानिया, लक्जमबर्ग, कनाडा और स्लोवेनिया शामिल हैं।

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में चार देशों के राजदूतों से परिचय पत्र स्वीकार किए। परिचय पत्र प्रस्तुत करने वाले देशों में मॉरिटानिया, लक्जमबर्ग, कनाडा और स्लोवेनिया शामिल हैं।

मॉरिटानिया के राजदूत अहमदौ सिदी मोहम्मद, लक्जमबर्ग के ग्रैंड डची के राजदूत क्रिश्चियन बीवर, कनाडा के उच्चायुक्त क्रिस्टोफर कूटर और स्लोवेनिया के राजदूत टोमाज मेनसिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को परिचय पत्र प्रस्तुत किए। इसकी जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय ने दी।

राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में इस्लामिक गणराज्य मॉरिटानिया के राजदूत अहमदौ सिदी मोहम्मद, लक्जमबर्ग के ग्रैंड डची के राजदूत क्रिश्चियन बीवर, कनाडा के उच्चायुक्त क्रिस्टोफर कूटर और स्लोवेनिया गणराज्य के राजदूत टोमाज मेनसिन से परिचय पत्र प्राप्त किए।

बता दें कि एक दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को नई दिल्ली के लाल किला में दशहरा पर्व के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जब आतंकवाद का दानव मानवता पर प्रहार करता है तब उसका दमन करना अनिवार्य हो जाता है। उन्होंने भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के रावण पर मानवता की विजय का प्रतीक बताया। राष्ट्रपति मुर्मु ने लोगों को अपने भीतर की बुराइयों के रावण का नाश करने का संदेश दिया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने दिल्लीवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि यह पर्व हमें हर साल यह याद दिलाता है कि चाहे बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो, अंततः जीत सदैव सत्य और धर्म की होती है। विजयादशमी नवरात्रि और दुर्गा पूजा उत्सवों के समापन का प्रतीक है। यह भगवान राम की राक्षसराज रावण पर विजय और देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह दिन नई शुरुआत और नवीनीकरण का है। वहीं, यह अहंकार और अन्याय जैसे नकारात्मक गुणों के विनाश का भी प्रतीक है।

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Created On :   3 Oct 2025 6:15 PM IST

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