राष्ट्रीय: हरियाणा बिजली विभाग ने परिवार को भेजा 1.45 करोड़ का बिल, डेढ़ साल से घर में कनेक्शन नहीं

हरियाणा  बिजली विभाग ने परिवार को भेजा 1.45 करोड़ का बिल, डेढ़ साल से घर में कनेक्शन नहीं
हरियाणा के करनाल में कुंजपुरा गांव में एक घर का बिजली बिल 1 करोड़ 45 लाख 17 हजार 279 रुपए आया, जबकि हैरान करने वाली बात है कि घर में पिछले डेढ़ साल से बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। बिजली विभाग ने इसे टाइपिंग एरर बताते हुए कहा कि वास्तविक बिजली बिल 14 लाख 51 हजार 279 रुपए का है।

करनाल, 19 जुलाई (आईएएनएस)। हरियाणा के करनाल में कुंजपुरा गांव में एक घर का बिजली बिल 1 करोड़ 45 लाख 17 हजार 279 रुपए आया, जबकि हैरान करने वाली बात है कि घर में पिछले डेढ़ साल से बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। बिजली विभाग ने इसे टाइपिंग एरर बताते हुए कहा कि वास्तविक बिजली बिल 14 लाख 51 हजार 279 रुपए का है।

कुंजपुरा गांव के रहने वाले विनोद ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि अभी मैंने कुछ समय पहले पत्नी के नाम बिजली का मीटर अप्लाई किया था। मेरे पिता के नाम जो पेंडिंग बिल था, उसे बिजली विभाग द्वारा बढ़ाकर 1.45 करोड़ रुपए के करीब दिखाया गया।

जब विनोद को बताया गया कि बिजली विभाग ने वास्तविक बिल 14.51 लाख के करीब बताया है, तो उन्होंने कहा कि मुझे कोर्ट में सिर्फ 22 हजार रुपए देने हैं। मैंने कुछ पैसे पहले ही जमा किए हैं, जिसकी रसीद मेरे पास है, बाकी कोर्ट जो फैसला करेगी, हमें मंजूर होगा।

उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले मेरा बिजली का मीटर लगा था, उस समय विभाग के लोग मेरा मीटर उतारकर ले गए। विभाग ने पहले एमएस कनेक्शन कर दिया था। हम सिर्फ एक किलोवाट के कनेक्शन की मांग कर रहे हैं, जिससे घर में दोबारा रोशनी आ जाए। गर्मी में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

उन्होंने कहा, हम हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज के पास गए थे, लेकिन किसी कारणवश उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। सोमवार को चंडीगढ़ में हम उनसे मुलाकात करेंगे और अपनी समस्या रखेंगे।

इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारी तरुण जैन ने बताया, "डेढ़ करोड़ से अधिक का बिल पेंडिंग नहीं है। विनोद ने नया बिजली कनेक्शन लेने के लिए अप्लाई किया था। जब टीम वेरिफिकेशन के लिए गई तो उन्होंने देखा कि वहां पर पुराना कनेक्शन ज्ञान चंद के नाम से है। 2015 से पहले चेकिंग की गई थी और उस दौरान उन पर जुर्माना लगाया गया था। वो कोर्ट में गए और कोर्ट ने उन्हें करंट बिल भरने का ऑर्डर दिया था, लेकिन उन्होंने उसका भुगतान नहीं किया और बाद में यह राशि बढ़कर 14.51 लाख रुपए हो गई। हालांकि, टाइपिंग एरर की वजह से यह मूल्य 1.45 करोड़ रुपए हो गया।"

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Created On :   19 July 2025 7:18 PM IST

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