बॉलीवुड: 'एक अभिनेता से कहीं बढ़कर थे ओम पुरी', नसीरुद्दीन शाह ने शेयर किया पोस्ट

एक अभिनेता से कहीं बढ़कर थे ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह ने शेयर किया पोस्ट
दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अपनी हिट फिल्म 'अर्ध सत्य' की बात करते हुए दिवंगत अभिनेता ओम पुरी को भावुक श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उनकी अभिनय प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा है कि वे अभिनेता से कहीं बढ़कर थे।

मुंबई, 15 मई (आईएएनएस)। दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अपनी हिट फिल्म 'अर्ध सत्य' की बात करते हुए दिवंगत अभिनेता ओम पुरी को भावुक श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उनकी अभिनय प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा है कि वे अभिनेता से कहीं बढ़कर थे।

नसीरुद्दीन शाह ने इंस्टाग्राम पर ओम पुरी की एक तस्वीर पोस्ट की और कैप्शन में लिखा, ''कल रात 'अर्ध सत्य' को बड़े पर्दे पर बहुत दिनों बाद फिर से देखा। अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर और ओम पुरी दोनों ने इस फिल्म में बेहतरीन भूमिका निभाई थी।''

शाह ने हॉलीवुड निर्देशक निकोलस रे के एक कथन का जिक्र किया है, जो प्रसिद्ध अमेरिकी अभिनेता हम्फ्री बोगार्ट के लिए था, लेकिन उनका मानना है कि यह कथन ओम पुरी पर भी बिल्कुल सटीक बैठता है।

अपनी पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा, ''ओम पुरी सिर्फ अभिनय नहीं करते थे, वे खुद एक विचार, एक संवेदना बन जाते थे। वे उस समय के आम आदमी की स्थिति, संघर्ष और दर्द का जीवंत चित्र थे। उनका चेहरा और अभिनय खुद एक सशक्त बयान था।''

गोविंद निहलानी की निर्देशित फिल्म 'अर्ध सत्य' 1983 में रिलीज हुई। यह एस. डी. पनवलकर की शॉर्ट स्टोरी 'सूर्या' पर आधारित थी। इस फिल्म में ओम पुरी ने पुलिस इंस्पेक्टर अनंत वेलंकर की भूमिका निभाई, जो अपने आस-पास के भ्रष्टाचार के साथ-साथ अपने निजी संघर्षों से जूझता है।

इस फिल्म में अमरीश पुरी, स्मिता पाटिल और सदाशिव अमरापुरकर भी अहम किरदार में नजर आए।

नसीरुद्दीन शाह ने फिल्म में निलंबित पुलिस अधिकारी माइक लोबो की भूमिका निभाई थी।

बता दें कि ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह काफी अच्छे दोस्त रहे हैं। दोनों राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में बैचमेट थे। बाद में ओम ने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में अपनी ट्रेनिंग को आगे बढ़ाया, जहां नसीर पहले से ही सीनियर थे। दोनों ने 1980 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की थी।

ओम पुरी का 6 जनवरी 2017 में मुंबई में देहांत हो गया था। उन्होंने 66 साल की उम्र में अंतिम सांस ली, उस वक्त वह मराठी फिल्म प्रोजेक्ट की शूटिंग में बिजी थे। उनके निधन के बाद, उनकी कई तैयार फिल्में जैसे "वायसराय हाउस" और "ट्यूबलाइट" रिलीज हुईं। वह पद्मभूषण से सम्मानित थे।

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Created On :   15 May 2025 4:02 PM IST

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