आंगनबाड़ी बच्चे के जीवन निर्माण की पहली सीढ़ी है सीएम भूपेंद्र पटेल

आंगनबाड़ी बच्चे के जीवन निर्माण की पहली सीढ़ी है सीएम भूपेंद्र पटेल
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. मनीषाबेन वकील की प्रेरक उपस्थिति में राज्य की आंगनबाड़ियों में नवनियुक्त 9000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए।

गांधीनगर, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. मनीषाबेन वकील की प्रेरक उपस्थिति में राज्य की आंगनबाड़ियों में नवनियुक्त 9000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए।

राज्यभर में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण के जोनवार कार्यक्रमों में मंत्रियों और पदाधिकारियों ने नियुक्ति पत्र वितरित किए और सभी ने गांधीनगर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का प्रसारण देखा।

मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बहनों को बधाई देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी बच्चे के जीवन निर्माण की पहली सीढ़ी है। आंगनबाड़ी बहनों को देश के भविष्य इन नन्हें बच्चों के समृद्ध विकास की अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी है।

उन्होंने आंगनबाड़ी बहनों का आह्वान किया कि वे उन्हें मिले ‘सुपोषित और विकसित गुजरात से’ ‘विकसित भारत-समृद्ध भारत’ बनाने के सेवा अवसर को सार्थक करने के लिए ‘विकसित भारत@2047’ के लिए स्वस्थ पीढ़ी तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति से राष्ट्र निर्माण का जो लक्ष्य दिया है, उसे साकार करने के लिए राज्य सरकार माताओं के पोषण और स्वास्थ्य के साथ ही नन्हें बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि बाल मानस का संस्कार सिंचन करके उन्हें भविष्य का नागरिक बनाने का दायित्व निभाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बहनें माता यशोदा की तरह बच्चों का लालन-पालन और जीवन निर्माण करती हैं।

उन्होंने इस संदर्भ में इस बात का भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री ने ऐसी बहनों को माता यशोदा का गौरव सम्मान दिया है और आंगनबाड़ी केंद्र को नंद घर की पहचान दी है।

पटेल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने एक समय पुराने मकानों, पंचायत घरों और मंदिरों में चलने वाले बाल मंदिरों की स्थिति को बदलने का विजन दिया और गुजरात में संपूर्ण सुविधा युक्त आंगनबाड़ी-नंद घरों का निर्माण कराया। इसके परिणामस्वरूप राज्य में 53,000 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं।

मुख्यमंत्री ने इस समारोह में 170 और नए आंगनबाड़ी केंद्रों का ई-लोकार्पण एवं शिलान्यास करते हुए आने वाले वर्षों में 10 हजार से अधिक नए नंद घर बनाने की राज्य सरकार की योजना की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से महिलाओं एवं बच्चों के पोषण की निरंतर चिंता करते हुए राज्य सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों के लिए दूध संजीवनी योजना के तहत फोर्टिफाइड फ्लैवर्ड दूध के अलावा गर्भवती माताओं को प्रोटीन युक्त आहार प्रदान करने के लिए पोषण सुधा योजना, टेक होम राशन और मुख्यमंत्री मातृशक्ति जैसी कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। इतना ही नहीं, आंगनबाड़ी से लेकर प्राथमिक स्कूल तक के 41 लाख से अधिक बच्चों के लिए ‘मुख्यमंत्री पौष्टिक अल्पाहार योजना’ भी शुरू की गई है।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. मनीषाबेन वकील ने राज्य की आंगनबाड़ियों में नियुक्ति पाने वाली सभी बहनों को बधाई दी और कहा कि आज से आप सभी सरकारी सेवा में नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य को और अधिक सशक्त बनाने के मिशन में जुड़ी हैं। आप सभी कल के नागरिक यानी इन बच्चों की पहली शिक्षिका बनने जा रही हैं। आप जो संस्कार, शिक्षा और पोषण का बीज रोपेंगे, उसी से आने वाले कल का गुजरात खिलेगा।

उन्होंने राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए ऊर्जा के केंद्र बताते हुए कहा कि गुजरात के लिए आज का दिन ऐतिहासिक और गौरवशाली है। नवनियुक्त बहनें स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनी हैं। ये बहनें राज्य में नारी सशक्तिकरण की नई गाथा लिखेंगी। उन्होंने कहा कि इन बहनों को दिए गए नियुक्ति पत्र केवल नियुक्ति पत्र ही नहीं, बल्कि बच्चों को सुपोषित और शिक्षित करने के दस्तावेज हैं।

डॉ. वकील ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र समाज निर्माण की सबसे बुनियादी इकाई है। आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता बच्चों को माता की गोद जैसी सुरक्षा, पोषण और प्रारंभिक शिक्षा देती हैं। आंगनबाड़ी व्यवस्था सरकार की प्रत्येक योजना एवं प्रत्येक संदेश को सच्चे अर्थ में अंतिम छोर के लाभार्थी तक पहुंचाती है। राज्य सरकार की विभिन्न पोषण उन्मुख योजनाओं को बच्चों तक सही ढंग से पहुंचाने की जिम्मेदारी आप सभी कार्यकर्ताओं की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सशक्त माता और स्वस्थ बालक के जरिए सुपोषित गुजरात बनाने के संकल्प में आप सभी शिल्पकार की भूमिका को भली-भांति निभाएंगे।

इसके साथ ही, राजकोट, सूरत और वडोदरा जोन की नवनियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बहनों को भी जिला स्तर पर मंत्रियों और महानुभावों ने नियुक्ति पत्र वितरित किए।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. मनीषा वकील ने डिजिटल पहल और पोषण संगम सहित विभिन्न स्टॉलों का दौरा कर जानकारी हासिल की।

महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव राकेश शंकर ने अपने वक्तव्य में पूरे कार्यक्रम की विस्तृत भूमिका पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार द्वारा गुजरात की गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, खुशहाली और शिक्षा के लिए दृढ़ संकल्प के साथ किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने नवनियुक्त आंगनबाड़ी बहनों को बधाई दी और देश के भविष्य के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के अंत में एकीकृत बाल विकास योजना आयुक्त रणजीत कुमार सिंह ने आभार व्यक्त किया।

समारोह में गांधीनगर की महापौर मीराबेन पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष शिल्पाबेन पटेल, विधायक रीटाबेन पटेल, मुख्य सचिव एमके दास सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बहनें मौजूद रहीं।

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Created On :   4 Dec 2025 6:41 PM IST

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