राजनीति: पुणे के वेल्हे तालुका का नाम अब से 'राजगढ़', बावनकुले बोले- 14 करोड़ लोग गौरवान्वित

पुणे के वेल्हे तालुका का नाम अब से राजगढ़, बावनकुले बोले- 14 करोड़ लोग गौरवान्वित
महाराष्ट्र सरकार ने पुणे जिले के वेल्हे तालुका का नाम आधिकारिक तौर पर 'राजगढ़' रख दिया है। यह निर्णय छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली राजधानी और ऐतिहासिक राजगढ़ किले के सम्मान में लिया गया है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इसकी घोषणा की, जो स्थानीय लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है।

पुणे, 22 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने पुणे जिले के वेल्हे तालुका का नाम आधिकारिक तौर पर 'राजगढ़' रख दिया है। यह निर्णय छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली राजधानी और ऐतिहासिक राजगढ़ किले के सम्मान में लिया गया है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इसकी घोषणा की, जो स्थानीय लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है।

बावनकुले ने कहा, " राजस्व मंत्री के रूप में यह निर्णय मेरे लिए बहुत खुशी की बात है, क्योंकि शिवाजी महाराज ने इसी किले से शासन किया था। यह फैसला महाराष्ट्र के 14 करोड़ लोगों के लिए गर्व का क्षण है।" उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विशेष आभार जताया, जिनके नेतृत्व में यह संभव हुआ।

जानकारी के मुताबिक, नाम बदलने का यह फैसला महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 के तहत लिया गया। 22 नवंबर 2021 को वेल्हे तालुका की 70 में से 58 ग्राम पंचायतों और पुणे जिला परिषद ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 6 मई 2025 को नाम परिवर्तन को हरी झंडी दी। 16 मार्च 2024 को जारी सरकारी अधिसूचना पर कोई आपत्ति नहीं आने के बाद अंतिम निर्णय लिया गया।

वहीं, बावनकुले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, और उपमुख्यमंत्री व पुणे जिला संरक्षक मंत्री अजित पवार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह कदम महाराष्ट्र की ऐतिहासिक विरासत को संजोए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

बता दें कि वेल्हे तालुका, जो अब राजगढ़ के नाम से जाना जाएगा, छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन का गवाह रहा है। इस क्षेत्र के लोग लंबे समय से अपने इतिहास को पहचान दिलाने की मांग कर रहे थे। नाम बदलने से न केवल ऐतिहासिक गौरव बढ़ेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सरकार का यह कदम क्षेत्र के विकास और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने की दिशा में देखा जा रहा है।

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Created On :   22 Aug 2025 12:41 PM IST

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