कर्नाटक संकट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की लापरवाही का नतीजा एम. वीरप्पा मोइली (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
बेंगलुरु/नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री पद को लेकर सीएम सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच फिर से खींचतान तेज हो गई है। इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा कांग्रेस लीडरशिप को पद छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस में संकट के बढ़ने और पूरी तरह से रुकावट बनने के लिए सीधे तौर पर पार्टी हाईकमान की लंबे समय से अनदेखी को जिम्मेदार ठहराया।
मोइली ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि यह संकट न तो अचानक आया और न ही इसकी उम्मीद थी, बल्कि यह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की लंबे समय से चली आ रही लापरवाही का नतीजा है।
मोइली ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान और राज्य स्तर की लीडरशिप को उस टकराव का अंदाजा लगा लेना चाहिए था, जो पिछले ढाई साल से बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने तर्क दिया कि पार्टी उभरते मतभेदों को दूर करने के लिए कोई सिस्टम बनाने में नाकाम रही।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के जो नेता जिम्मेदार पदों पर हैं, और हमारे हाईकमान के प्रतिनिधियों को भी, इन हालात का पहले से अंदाजा लगा लेना चाहिए था। यह कोई अचानक हुआ घटनाक्रम नहीं है। यह उनकी लापरवाही है, जिसकी वजह से यह संकट सामने आया है।"
मोइली ने पार्टी के अंदर आत्ममंथन करने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस लीडरशिप को अपनी कर्नाटक इकाई के बीच अनुशासन और तालमेल बनाए रखने में नाकाम रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के मामलों को देखने वाले नेता हाईकमान को ठीक से जानकारी नहीं दे रहे थे, जिससे संगठनात्मक संचार में रुकावट आ रही थी।
उन्होंने कहा, "जरूरत पड़ने पर लीडरशिप को पद छोड़ देना चाहिए। राज्य के इंचार्ज लोग किसी भी समय पार्टी के प्रति जवाबदेह नहीं होते हैं। जवाबदेही पार्टी की होती है, सिर्फ लीडर की नहीं। इस तरह हम अपनी टीम को बिगाड़ रहे हैं।"
मोइली ने आगे कहा कि हाईकमान मामले को मैनेज करने और लीडरशिप में आसानी से बदलाव करने में नाकाम रहा है, जिसकी वजह से अब अंदरूनी टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां से वापसी मुमकिन नहीं है।
उन्होंने कहा, "अगर व्यवस्था पूरी करनी ही थी तो हाईकमान की मर्जी ही चलनी चाहिए थी। आसानी से बदलाव होना चाहिए था, लेकिन इस मामले को चरम पर पहुंचने दिया और आग ऐसी जगह पहुंच गई है, जहां इसे बुझाया नहीं जा सकता।"
उन्होंने अफसोस जताते हुए चेतावनी दी कि कर्नाटक में कांग्रेस के लिए कभी अच्छा राजनीतिक माहौल अब अंदरूनी कलह के कारण खतरे में पड़ रहा है। उन्होंने और नुकसान होने से पहले मिलकर पार्टी को एक साथ लाने की अपील की।
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Created On :   28 Nov 2025 8:01 PM IST












