Masik Durga Ashtami: माता रानी की इस विधि से करें पूजा, नकारात्मक शक्तियों से मिलेगी मुक्ति

माता रानी की इस विधि से करें पूजा, नकारात्मक शक्तियों से मिलेगी मुक्ति
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि, इस दिन माता रानी की आराधना से पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durga Ashtami) का व्रत रखा जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि, इस दिन माता रानी की आराधना से पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही जीवन के सभी कष्टों, नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इस बार अष्टमी तिथि 28 नवंबर को पड़ रही है।

धर्म ग्रंथों में भी मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष उल्लेख मिलता है। जिसमें बताया गया है कि इस दिन व्रत रखने और मां दुर्गा की विशेष पूजा से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं इस मुहूर्त और पूजा विधि ​के बारे में...

अष्टमी तिथि कब से कब तक

अष्टमी तिथि आरंभ: 27 नवंबर 2025, गुरुवार की रात 12 बजकर 29 मिनट से

अष्टमी तिथि समापन: 28 नवंबर 2025, शुक्रवार की रात 12 बजकर 15 मिनट तक

इस विधि से करें पूजा

- सबसे पहले पूजा स्थल की सफाई करें और गंगाजल से शुद्ध करें।

- इसके बाद लकड़ी की चौकी लगाएं।

- अब लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।

- इसके बाद मां दुर्गा को सोलह श्रृंगार अर्पित करें।

- माता को लाल फूल, फूलमाला, अक्षत, रोली आदि अर्पित करें।

- मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं और धूपबत्ती जलाएं।

- इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बेहद शुभ माना गया है।

- माता रानी की आरती करें और भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   28 Nov 2025 8:03 PM IST

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