Skand Shashthi 2025: मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है ये व्रत, जानिए पूजा का मुहूर्त और विधि

मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है ये व्रत, जानिए पूजा का मुहूर्त और विधि

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को स्कंद षष्ठी (Skand Shashthi) का व्रत किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि, इस तिथि पर भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। भगवान स्कंद को मुरुगन, कार्तिकेयन और सुब्रमण्य नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि, भगवान कार्तिकेय देवों के देव महादेव यानि कि भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसका जीवन सुखमय हो जाता है। मार्गाशीर्ष मास में स्कंद षष्ठी का व्रत 26 नवंबर, बुधवार को रखा गया है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

पूजा विधि

- सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।

- स्कन्द षष्ठी के दिन व्रतधारी व्यक्तियों को दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करना चाहिए।

- एक साफ स्थान पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें।

- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा आरंभ करें।

- पूजा में चंपा के पुष्प को अवश्य शामिल करें।

- घी का दीपक जलाएं, साथ ही और अगरबत्ती या धूप जलाएं।

- भगवान कार्तिकेय को रोली का तिलक लगाएं।

- भगवान कार्तिकेय को मिष्ठान अर्पित करें।

- पूजन के बाद भगवान कार्तिकेय की कथा पढ़ें या सुनें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   25 Nov 2025 11:28 PM IST

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