Vinayak chaturthi 2025: कब है विनायक चतुर्थी का व्रत, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सनातन धर्म में श्री गणेश को प्रथम पूज्य कहा गया है और इसलिए किसी भी पूजा या शुभ कार्य से पहले गणपति जी की पूजा की जाती है। वहीं हिन्दू पंचांग के प्रत्येक महीने में चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) का व्रत किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि, व्रत को करने से विघ्नहर्ता अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते हैं और उनके जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है।
खास तौर पर बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए गणपति की पूजा उत्तम मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि, बच्चों से बप्पा जल्द प्रसन्न होते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं। मार्गशीर्ष माह में विनायक चतुर्थी का व्रत 23 नवंबर, सोमवार को है। आइए जानते हैं इन योग के साथ पूजा विधि के बारे में...
विनायक चतुर्थी तिथि कब से कब तक
चतुर्थी तिथि आरंभ: 23 नवम्बर 2025, रविवार की शाम 07 बजकर 24 मिनट से
चतुर्थी तिथि समापन: 24 नवम्बर 2025, सोमवार की रात 09 बजकर 22 मिनट तक
पूजन विधि
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं।
- इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं।
- संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं।
- बप्पा को मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं।
- इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें।
- फिर चतुर्थी की कथा सुनें अथवा सुनाएं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   20 Nov 2025 9:45 PM IST















