Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी पर करें ये आसान उपाय

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का काफी महत्व है और सालभर में एकादशी के कुल 24 व्रत पड़ते हैं। हर माह दो एकादशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। लेकिन, सभी एकादशियों के नाम और महत्व भी अलग अलग हैं। फिलहाल, मार्गशीर्ष माह चल रहा है और इसमें एकादशी व्रत को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है।
उत्पन्ना एकादशी पर सूर्योदय से पहले उठें। साफ हल्के पीले रंग के कपड़े पहने। ग्यारह पीले जनेऊ और ग्यारह ही केले लें। अब तुलसी की माला से पीले आसन पर बैठकर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का तीन या पांच माला जाप करें।
जाप के बाद जनेऊ और केले भगवान कृष्ण के मंदिर में अर्पण कर दें। श्री कृष्ण को तुलसी दल और पंचामृत भी अर्पित करें। इसके बाद 'क्लीं कृष्ण क्लीं' का जाप करें। भगवान से कामना पूर्ति की प्रार्थना करें।
प्रातःकाल में पति पत्नी संयुक्त रूप से श्रीकृष्ण की उपासना करें। उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करेंय इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। मंत्र होगा- "ॐ क्लीं देवकी सत गोविन्द वासुदेव जगत्पते ,देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणम गता"
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर स्नानादि के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को फूल, धूप, दीप और अक्षत अर्पित करें। इसके बाद भगवान का जाप करते हुए सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें।
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Created On :   13 Nov 2025 11:19 PM IST















